नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक की शिवमोगा विधानसभा सीट से अपने बेटे को उम्मीदवार ना बनाए जाने के बावजूद कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत सुनिश्चित करने में लगे पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक के एस ईश्वरप्पा की सराहना की और कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए जो प्रतिबद्धता दिखाई है, उससे वह प्रभावित हुए हैं.


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कौन हैं के एस ईश्वरप्पा?
अपनी जिंदगी के शुरुआती सफर में ईश्वरप्पा ने भूपलम आरेका मंडी में दैनिक वेतकन मजदूरों के रूप में काम किया. उनकी मां ने उन्हें अपनी शिक्षा पर ध्यान देने की सलाह दी और मजदूर के तौर पर काम करने का विरोध किया. इमरजेंसी के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया और दो साल तक (1975-1977) तक जेल में रहे.


वर्ष 1989 में शिमोगा विधानसभा सीट से उन्होंने बीजेपी से चुनाव लड़ा और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री के एच श्रीनिवास को 1,304 वोटों से हराया. 1992 में वो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने और 1994 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका खास फायदा देखने को मिला. 2008 में बीजेपी की बीएस येदियुरप्पा सरकार में मंत्री बने. हालांकि 2010 में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष चुने गए. 2012 में जगदीश शेट्टर सरकार में ईश्वरप्पा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के बीबी प्रसन्ना कुमार से हार का सामना करना पड़ा. साल 2014 में उन्हें विधान परिषद सदस्य चुना गया और विधान परिष में वो विपक्ष के नेता बने.


ईश्वरप्पा की पीएम मोदी ने की सराहना
हाल ही में चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा करने वाले ईश्वरप्पा ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें वह फोन पर मोदी से बात करते नजर आ रहे हैं. वीडियो में प्रधानमंत्री को यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'आपने पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है. मैं आपसे बहुत खुश हूं. इसलिए, मैंने आपसे बात करने का फैसला किया.'


मोदी को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि जब भी वह चुनावी राज्य कर्नाटक का दौरा करेंगे तो उनसे अवश्य मुलाकात करेंगे. इसके जवाब में ईश्वरप्पा ने मोदी से कहा कि भाजपा आगामी चुनाव जीतेगी. बाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए ईश्वरप्पा ने कहा, 'मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री मुझे फोन करेंगे. उनके फोन कॉल ने मुझे प्रेरित किया है. हम शिवमोगा शहर में चुनाव जीतेंगे. हम कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनाने के लिए भी हर संभव प्रयास करेंगे.'


चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का अनुरोध
पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि जब पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और भाजपा महासचिव (संगठन) बी एल संतोष ने फोन कर उनसे चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का अनुरोध किया, तो उन्होंने कुछ और नहीं सोचा और जल्दी ही अपने फैसले को सार्वजनिक भी कर दिया. पूर्व उपमुख्यमंत्री ईश्वरप्पा ने हाल ही में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की अपनी इच्छा से अवगत कराया था. हालांकि, कहा जाता है कि इस निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे ईश्वरप्पा ने अपने बेटे के. ई. कांतेश के लिए टिकट मांगा था.


बहरहाल, पार्टी ने वरिष्ठ नेता के अनुरोध को नजरअंदाज करते हुए चन्नबसप्पा को टिकट दिया है. बेलगावी में सार्वजनिक कार्यों पर 40 प्रतिशत कमीशन लेने का ईश्वरप्पा पर आरोप लगाते हुए एक ठेकेदार संतोष पाटिल ने आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद ईश्वरप्पा ने अप्रैल 2022 में ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. बाद में जांच में उन्हें क्लीन चिट दे दी गई.
(इनपुट- भाषा)


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