द्रौपदी मुर्मू पर टूट चुका है दुखों का पहाड़, दो बेटों-पति को खोया, आंखें भी दान कीं
Draupadi Murmu Profile: भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA ने मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया. बीजेपी की तरफ से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी चीफ जेपी नड्डा ने बताया कि NDA की उम्मीदवार झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू होंगी. झारखंड में द्रौपदी मुर्मू ने इतिहास कायम किया है.
नई दिल्ली: Draupadi Murmu Profile: भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA ने मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया. बीजेपी की तरफ से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी चीफ जेपी नड्डा ने बताया कि NDA की उम्मीदवार झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू होंगी.
झारखंड में द्रौपदी मुर्मू ने इतिहास कायम किया है. दरअसल साल 2000 में झारखंड राज्य बनाए जाने के बाद मुर्मू पहली ऐसी राज्यपाल हैं जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है.
झारखंड की पहली महिला गवर्नर
इतना ही नहीं मुर्मू झारखंड की गवर्नर बनाए जाने वाली पहली महिला भी थीं. भुवनेश्वर के रमा देवी वुमन्स कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वालीं मुर्मू ने अपनी करियर की शुरुआत सभासद पद से की थी. ओडिशा के रायरंगपुर जिले की नगर पंचायत में वो पहली सभासद चुनी गई थीं.
इसके बाद मयूरभंज विधानसभा सीट से दो बार (2000, 2009) विधायक चुनी गईं. ओडिशा में बीजेपी और बीजेडी की गठबंधन वाली सरकार में मुर्मू मंत्री भी रह चुकी हैं.
संथाली आदिवासी समुदाय से आती हैं द्रौपदी मुर्मू
साल 2015 में मुर्मू को झारखंड का गवर्नर बनाया गया था. अपनी राजनीतिक जीवन में लगातार ऊंचाइयां छूने वाली मुर्मू के लिए व्यक्तिगत जीवन बेहद झंझावातों से भरा रहा है. द्रौपदी मुर्मू संथाली आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. उनकी शादी श्याम चरण मुर्मू से हुई थी.
अभी द्रौपदी मुर्मू के परिवार में एक बेटी है
श्याम चरण मुर्मू और द्रौपदी मुर्मू को तीन संतानें हुईं. इनमें दो बेटे और एक बेटी हुए. लेकिन मुर्मू पर दुखों का पहाड़ टूट चुका है. मुर्मू के पति और दोनों बेटों की मृत्यु हो चुकी है. अभी परिवार में मुर्मू की एक बेटी है.
एक बेटे और पति की मृत्यु के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिलती है, लेकिन साल 2009 में दूसरे बेटे की रहस्यमयी मौत मीडिया रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुई थीं.
रहस्यमयी तरीके से हुई थी बेटे की मौत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2009 में द्रौपदी मुर्मू के 25 वर्षीय बेटे लक्ष्मण मुर्मू की रहस्यमयी मृत्यु हो गई थी. लक्ष्मण मुर्मू अपने बिस्तर पर बेहोशी के हालात में मिले थे जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में प्राइवेट अस्पताल पहुंचाया गया था. बाद में उन्हें राजधानी भुवनेश्वर के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था.
ओडिशा विधानसभा में मिला था उत्कृष्ट विधायक का नीलकंठ पुरस्कार
साल 2016 में मुर्मू ने रांची के कश्यप मेडिकल कॉलेज द्वारा आयोजित किए गए रन ऑफ विज़न प्रोग्राम में अपनी आंखें दान करने की घोषणा भी की थी. सामाजिक कार्यों से जीवनभर जुड़ी रहीं मुर्मू को साल 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा उत्कृष्ट विधायक का नीलकंठ पुरस्कार भी दिया गया था.
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