नोएडा सीट पर `ठाकुरों की नाराजगी` दूर करेंगे राजनाथ सिंह, BSP ने पैदा कर दी हैं मुश्किलें
चार लाख ठाकुर वोटों को बीजेपी से बसपा की ओर मोड़ने की कोशिश हो रही है. फिलहाल कहना मुश्किल होगा. इसका कारण बीजेपी में भी ठाकुर समुदाय के नेताओं के बड़े पदों पर और बेहद सक्रिय होना है.
ग्रेटर नोएडा. उत्तर प्रदेश की हाईप्रोफाइल गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट यानी नोएडा में जातीय समीकरण काफी हावी होने वाला है. इसी के मद्देनजर 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी ग्रेटर नोएडा के दादरी में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. दरअसल इस लोकसभा क्षेत्र में साठा चौरासी गांव के ठाकुरों ने बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसको देखते हुए अब जातीय समीकरण पर भी बीजेपी काम करती दिखाई दे रही है. बीजेपी ने इस सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है. शर्मा ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. शर्मा को लेकर ठाकुर मतदाताओं में नाराजगी के बीज बसपा ने राजेंद्र सिंह सोलंकी को प्रत्याशी बनाकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
क्षत्रिय स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन
नोएडा में संख्या बल के आधार पर जगह-जगह क्षत्रिय स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. इस सीट पर गुर्जर : 3.5 लाख, मुस्लिम: 3 से 3.5 लाख, ठाकुर और राजपूत: 4.5 लाख, दलित : 4.5 लाख, ब्राह्मण: 4 लाख, अन्य: 3 लाख और नए वोटर: 2.58 लाख हैं. गौतमबुद्ध नगर 5 विधानसभा सीट नोएडा, दादरी, जेवर, खुर्जा, सिकंद्राबाद से मिलकर बनी है. पहली बार यहां पर 2009 में लोकसभा चुनाव हुए.
पहली बार जीते थे सुरेंद्र नागर
पहली बार यहां से बसपा प्रत्याशी सुरेंद्र नागर ने जीत दर्ज की. इसके बाद हुए दोनों लोकसभा चुनाव में बीजेपी के महेश शर्मा ने ही जीत हासिल की है. दूसरी तरफ 2014 में सुरेंद्र नागर बीजेपी में शामिल हो गए थे. अब वो राज्यसभा सांसद हैं. वो बीजेपी प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं. बीजेपी ने तीसरी बार महेश शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है.
सबसे ज्यादा ठाकुर मतदाता
जातिगत समीकरण के हिसाब से नोएडा में सबसे ज्यादा ठाकुर हैं. यहां के गांव गुर्जर बाहुल्य हैं. इसके अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा के हाईराइज सोसाइटी में नो रजिस्ट्री, नो वोट का कैंपेन चल रहा है. ठाकुर समुदाय काफी पहले से बीजेपी का कोर वोटर रहा है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने इस बार ठाकुर समुदाय पर दांव खेलते हुए राजेंद्र सिंह सोलंकी को अपना प्रत्याशी बनाया है. पूर्व विधायक रहे सोलंकी को बीएसपी का कैडर वोट मिलने की पूरी उम्मीद है. इसके अलावा वह ठाकुर वोट मिलने का भी भरोसा जता रहे हैं.
बड़े ठाकुर नेता कर रहे हैं प्रचार
चार लाख ठाकुर वोटों को बीजेपी से बसपा की ओर मोड़ने की कोशिश हो रही है. फिलहाल कहना मुश्किल होगा. इसका कारण बीजेपी में भी ठाकुर समुदाय के नेताओं के बड़े पदों पर और बेहद सक्रिय होना है. चाहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हों, विधायक पंकज सिंह और धीरेंद्र सिंह हों, सभी बीजेपी के डॉ. महेश शर्मा को जीत दिलाने के लिए सक्रिय हैं. यह भी अपने समुदाय को भाजपा के लिए वोट करने को प्रेरित करेंगे. ऐसे में समीकरण उलझेंगे.
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