नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. राज्य में पांच बार विधायक और दो बार राज्यसभा सदस्य और एक बार लोकसभा सांसद रह चुके चौधरी वीरेंद्र सिंह ने एक बार फिर कांग्रेस का हाथ थामने का फैसला किया है. यह एक तरीके से वीरेंद्र सिंह की कांग्रेस में वापसी है. वह 43 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद 2014 में बीजेपी में आए थे.


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दरअसल सोमवार को वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से मुलाकात की है. इस बीच उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा भेज दिया है. वह मंगलवार को कग्रेस में शामिल होंगे. 


बेटे बृजेंद्र सिंह पहले से कांग्रेस में
बता दें कि वीरेंद्र सिंह के बेटे बेटे बृजेंद्र सिंह पहले ही कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं. वीरेंद्र सिंह की पत्‍नी और पूर्व विधायक प्रेमलता ने भी बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उनके बेटे बृजेंद्र सिंह 2019 में बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते थे. वह इस समय हिसार से लोकसभा सांसद हैं. बृजेंद्र सिंह ने 2019  में आईएएस की नौकरी छोड़कर सियासत में कदम रखा था.


बीजेपी के लिए माना जा रहा है बड़ा झटका
राज्य की राजनीति के हिसाब से देखें तो वीरेंद्र सिंह का बीजेपी छोड़ना बड़ा झटका माना जा रहा है. वह उचाना सीट से पांच बार जीतकर विधायक बन चुके हैं. वह 1977 से 82, 1982 से 84 1991 से 1996, 1996 से 2000 और  2005 से 2009 तक विधायक रहे. वीरेंद्र सिंह तीन बार कैबिनेट मंत्री भी बने. उन्होंने तीन बार सांसद के रूप में भी कार्य किया पिछली केंद्र सरकार में वह केंद्र में मंत्री भी रहे.


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