नई दिल्ली:  'काश तुमने हमें आवाज दी होती, तो हम मौत की नींद से उठकर चले आते.', 'जानी.. हम तुम्हें मारेंगे, और जरूर मारेंगे, लेकिन वो बंदूक भी हमारी होगी, गोली भी हमारी होगी और वक्त भी हमारा होगा.' बॉलीवुड में यूं तो कई ऐसे कलाकार रहे जिनका बोल-बाला खूब रहा. लेकिन इसी इंडस्ट्री में एक सितारा ऐसा था जो आज भी अपने इन डायलॉग्स की वजह से हमारे बीच ना होकर भी जगमागा रहा है. दरअसल, आज अपनी बेबाकी, दमदार आवाज और बेहतरीन डायलॉग्स के लिए मशहूर दिवंगत अभिनेता राजकुमार (Actor Rajkumar) की बात कर रहे हैं.


असल जिंदगी में भी राजकुमार बनकर रहे


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राजकुमार वो एक्टर थे जो सिर्फ पर्दे पर ही नहीं, बल्कि असल जिंदगी में भी एक राजा की तरह पूरे रुबाब से जीये. वह जिस अंदाज में डायलॉग्स बोला करते थे उन आज भी लोग फिदा हैं. राजकुमार का अपने आप बेहद दिलचस्प शख्सियत थे,



उनके जैसा ना तो पहले कोई इंडस्ट्री में रहा और ना ही आज तक दोबारा देखा गया. हालांकि, उन्हें लेकर कहा जाता है कि उनके दिल में जो भी आता था वह बिना झिझक के कह देते थे. इसी कारण कम ही लोगों के साथ उनकी दोस्ती होती थी.


कैंसर ले डूबा वो दमदार आवाज


राजकुमार आज बेशक हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनसे जुड़े कई किस्से अक्सर सुनने को मिल जाते हैं. उनके कई बड़ी-बड़ी हस्तियों के साथ विवाद रहे. उनके बोल अक्सर सीधा दिल पर चुभ जाते थे. जहां एक ओर वह अपनी बेबाकी से कई लोगों को निराश कर रहे थे, उसी बेबाक अंदाज और दमदार आवाज ने दर्शकों को उनका दीवाना बना दिया था. लेकिन जिस आवाज की गूंज हर तरफ सुनी जा रही थी अंत में उसी आवाज को कैंसर ले डूबा.


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सबसे छिपाई थी कैंसर की बात


बहुत हैरानी की बात है कि राजकुमार ने खुद को कैंसर होने वाली बात बहुत लंबे वक्त तक इंडस्ट्री में सबसे छिपाकर रखी. इसके बारे में सिर्फ उन्हें और उनके बेटे को ही जानकारी थी. कहते हैं कि उस समय जब मीडिया को उनकी इस बीमारी की भनक लगी तक अभिनेता ने अपने इंटरव्यू में इसका पूरी तरह से खंडन कर दिया था.


क्या पहले ही हो गया था मौत का अहसास


कहा जाता है कि राजकुमार को अपनी मौत का अहसास पहले ही हो चुका था. एक दिन उन्होंने अचानक अपनी पत्नी और बच्चों को अपने पास बुलाकर कहा, 'शायद मैं ये रात भी नहीं निकाल पाऊंगा.



इसलिए अब पूरे परिवार को बुला लें और मरने के बाद वाली सारी रस्में खत्म करने के बाद ही सब लोगों को सूचना दे दी जाए. मुझे इस मामले में कोई तमाशा नहीं चाहिए.'


फिल्म की शूटिंग के दौरान लिया था फैसला


मौत की दहलीज पर खड़े राजकुमार के चेहरे पर अंतिम समय तक भी वही रौब रहा जो उन्होंने पूरी जिंदगी रखा. दरअसल, राजकुमार को इस बात का बहुत बुरा लगता था कि फिल्म इंडस्ट्री में किसी की मौत का भी तमाशा बना दिया जाता है. उन्हें इस बात का अहसास उनकी एक फिल्म में मौत का सीन शूट करने के दौरान हुआ. उसी समय उन्होंने फैसला कर लिया था कि जब भी उनका अंतिम संस्कार होगा उसमें कोई फिल्मी हस्ती या मीडिया नहीं होगी.


'श्मशान यात्रा को बना देते है मजाक'


डायरेक्टर मेहुल कुमार (Mehul Kumar) ने भी एक बारे में बताया था कि वह राजकुमार के साथ 'मरते दम तक' की शूटिंग कर रहे थे. इसमें अभिनेता की मौत के सीन की शूटिंग के दौरान मेहुल ने उन्हें एक फूल माला चढ़ाई.



इस पर राजकुमार ने उनसे कहा, 'जानी आज पहना लो हार, जब वाकई जाएंगे तो आपको पता भी नहीं चलेगा. राजकुमार ने उन्हें आगे बताया कि श्मशान यात्रा को भी लोग तमाशा बना देते है.


'अच्छे-अच्छे सफेद कपड़े पहनकर आ जाते हैं लोग'


लोग अच्छे-अच्छे सफेद कपड़े पहनकर आते हैं. मीडिया का तांता लग जाता है. एक मरे हुए व्यक्ति का मजाक बना देते हैं. मेरी मौत मेरे परिवार का निजी मामला होगा. इसलिए मेरे अंतिम संस्कार में ही सिर्फ मेरा ही शामिल होगा. 3 जुलाई 1996 को राजकुमार ने हमेशा के लिए अपनी आंखें मूंद ली. उनका अंतिम संस्कार भी वैसे ही हुआ जैसे वह चाहते थे.


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