नई दिल्ली: आशा भोसले ने कभी नहीं चाहा कि वो सिंगर बनें लेकिन उनकी जिंदगी उन्हें आगे ले जाती रही और वो एक-एक करके उंचाइयां पाती रहीं. आशा भोसले 10 साल की उम्र में सिंगर बन गईं. उनके पिता जी को बिलकुल पसंद नहीं था कि वो फिल्मों में जाएं गाए-बजाएं.


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उस दौर में आशा जी के पिता की एक बहुत बड़ी नाटक कंपनी हुआ करती थी. काम काफी अच्छा था, लेकिन फिल्मों के आने से नाटक कंपनी पर असर पड़ने लगा. 40 साल की उम्र में वो गुजर गए. कुछ समय बाद एक फिल्म में बच्चों के गाने का कि जरूरत थी. ऐसे आशा भोसले के गायकी के सफर की शुरुआत हुई.


सिंगर नहीं बनना चाहती थीं


आशा भोसले कभी सिंगर नहीं बनना चाहती थीं कहती हैं कि 'मेरे दिल में कभी नहीं था कि मैं फिल्मों में जाऊं और सिंगर बनूं. मेरा हमेशा से ही मन था कि मैं खाना पकाऊं, सफाई करूं और मेरे बाल-बच्चे हों. मैं टिपिकल इंडियन वुमेन हूं. जब मेरी शादी हो गई और मुझे गाने के लिए जाना पड़ता था, तो मुझे दुख होता था. मैं तब गाना नहीं गाना चाहती थी. मिस्टर भोसले कहते थे कि तुम्हारी आवाज अच्छी है तुम्हारे पास कला है तुम गाना सीखो.'



जब भैरव राग गाया


पहली क्लास में एडमिशन हुआ और जब परीक्षा हुई तो टेस्ट लेने उस समय के काफी बेहतरीन सिंगर शंकरा व्यास आए. आशा भोसले को उनके सामने भैरव राग गाना था वो काफी डरी हुई थीं. उन्होंने हाथ में तानपुरा उठाकर गाना शुरू किया 'तुम जागे मोहन प्यारे'.



शंकरा राव ने दो तीन पंक्तियों के बाद ही उन्हें रोक दिया. आशा जी डर गईं और उनसे पूछने लगीं कि क्या मैं फेल हो गई? तो कहते हैं कि तुम पास हो गई. ऐसे में आशा जी उनको बताती हैं कि अभी तो लिखित परीक्षा बाकि है. तो ऐसे में उनके गुरु कहते हैं कि अच्छे सिंगर को इन सब चीजों की जरूरत नहीं पड़ती. कल तुम मेरे घर आ जाना तुम एक फिल्म के लिए गाना गाने वाली हो.


कैबरे आर्टिस्ट का ठप्पा


आशा भोसले कहती हैं कि 'अगर मैं दीदी की तरह गाती तो फिर मुझे काम नहीं मिलता. अगर मिलता भी तो दो-तीन गाने ही मिल पाते. ऑरिजनल अच्छा हो तो नकल कौन लेता है. जो भी गाने आते उन्हें मैंने अपने तरीके से गाती.' आशा जी की जिंदगी में एक मोड़ आया, जब उन्हें कैबरे आर्टिस्ट कहा जाने लगा.



मन्ना डे एक बार आशा जी को कहते हैं कि 'आशा ताई तुम्हें कोई समझा ही नहीं. तुम जो गा सकती हो वो गाना आज तक तुम्हें किसी ने दिया ही नहीं. तुम्हें थोड़ा मिक्स क्लासिक देना चाहिए. तुम वो बहुत अच्छा गाती हो. लोगों ने तुम्हारी आवाज का गलत इस्तेमाल किया है.'


आरडी बरमन की आदतें


बता दें कि आशा भोसले ने पहली शादी खुद से 15 साल बड़े गणपत भोसले से की थी. बाद में 1980 में उन्होंने 6 साल छोटे आरडी बरमन से शादी की. वो कहती हैं कि 'आरडी बरमन बेहद कमाल के आदमी थे. वो 9 साढ़े 9 बजे नहा कर आते और एक चटक रंग का सिल्क का कुर्ता पहनते. कमरे की सारी लाइट्स जला देते और एसी भी ऑन कर देते.



फिर एक के बाद रिकॉर्ड बजाने का सिलसिला शुरू होता. वो एक के बाद एक गाना सुनते रहते और आशा जी को एक ही धुन कई-कई बार सुनाते और कहते कि सुनो ध्यान से. ऐसे में आशा जी उन्हें कहतीं कि आपका ये सिलसिला तो रातभर चलता रहेगा. मुझे कल सुबह रिकॉर्डिंग के लिए भी जाना है. कई रिकॉर्ड्स को अपने नाम कर चुकीं आशा भोसले. असल जिंदगी में बेहद जिंदादिल हैं. वो कमाल की सिंगर होने के अलावा गजब की मिमिक्री भी करती हैं. उनकी कुकिंग का हर कोई दीवाना है.


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