नई दिल्ली: Cannes 2024: 'कान फिल्म फेस्टिवल 2024' से लगातार नई अपडेट्स सामने आ रही है. इवेंट में एक से बढ़कर एक सेलेब्स रेड कार्पेट पर अपना जलवा दिखा रहे हैं. इसके साथ ही कई फिल्मों ने अपनी कहानी से दर्शकों का दिल जीता. इन सबके बीच 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारत को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. एफटीआईआई की एक फिल्म कान में अवॉर्ड अपने नाम कर लिया है.


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‘सनफ्लावर वेयर द फर्स्ट वन्स टू नो’ ने कान्स में जीता अवॉर्ड


बता दें कि भारतीय निर्देशक चिदानंद एस नाइक की फिल्म 'सनफ्लावर वर द फर्स्ट वन्स टू नो’ ने कान्स 2024 में बेस्ट शॉर्ट स्टोरी के लिए पहला अवॉर्ड अपने नाम किया. ये भारत के लिए एक महत्वपूर्ण जीत मानी जा रही है. बता दें कि इससे पहले साल 2020 में अपनी फिल्म 'कैटडॉग' के लिए अश्मिता गुहा नियोगी ने ये पुरस्कार अपने नाम किया था. अब पांच साल बाद एक बार फिर भारत को गर्व करने का मौका मिला है. 



'सनफ्लावर वर द फर्स्ट वन्स टू नो’ ने 17 फिल्मों को हराया


बता दें कि प्रेस्टिजियस ला सिनेफ पुरस्कारों की घोषणा 23 मई को की गई थी. एफटीआईआई के छात्र चिदानंद एस नाइक की  फिल्म सनफ्लावर वेयर द फर्स्ट वन्स टू नो ने इस अवॉर्ड के लिए 17 फिल्मों को हराया.  ये फिल्में ग्लोबली 555 फिल्म स्कूलों से 2,263 सबमिशन के विशाल पूल में से चुनी गई 18 फिल्मों में से थीं. कान्स प्रथम पुरस्कार के लिए 15,000 यूरो, दूसरे के लिए 11,250 यूरो और तीसरे के लिए 7,500 यूरो देगा.


क्या है 'सनफ्लावर वर द फर्स्ट वन्स टू नो’’ की कहानी? 


भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के टेलीविजन विंग में अपने एक साल के पाठ्यक्रम के पूरा होने पर, फिल्म निर्माता ने इस फिल्म का निर्माण किया. यह एक कन्नड़ फोक टेल से इंस्पायर फिल्म है. जिसमें एक बुजुर्ग महिला द्वारा मुर्गे की चोरी को दर्शाया गया है, जो उसके गांव को कभी न खत्म होने वाले अंधेरे में डाल देती है. 'सनफ्लावर वर द फर्स्ट वन्स टू नो’ 16 मिनट की एक शॉर्ट फिल्म है.


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