नई दिल्ली: तबस्सुम फातिमा हाशमी यानी तब्बू जो 90 के दशक से लगातार अपनी एक्टिंग सबको हैरान करती रही हैं. आज भी उनका चार्म कायम है. तबु की खासियत ये है कि उन्हें लोग कई नामों से आज भी पुकारते हैं कोई टैब्स, टेब्लेट, टैबू तो कोई टैब्सी भी बुलाता है. वहीं उनके भाई उन्हें टेबास्को बुलाते हैं. लेकिन पूरी दुनिया के लिए वो कल भी तबु थीं आज भी तबु हैं और आने वाली जेनरेशन भी उन्हें तबु ही बुलाएगी.


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11 साल की तबु


तबु को पहला ब्रेक तब मिला जब वो एक बच्चे की बर्थडे पार्टी में गई हुई थीं. उस वक्त तबु सिर्फ 11 साल की थीं. तबु कहती हैं कि 'देवानंद को तब अपनी फिल्म के लिए एक चाइल्ड आर्टिस्ट की जरूरत थी. ऐसे में सुषमा (देवानंद की पत्नी) आंटी को मेरी मां जानती थीं और वहां से मुझे ऑफर मिला. शबाना (शबाना आजमी) आंटी ने मुझे स्कूल से बुलाकर कहा कि ये एक अच्छी फिल्म है तुम्हें ये फिल्म जरूर करनी चाहिए.'



इस तरह तबु को 'हम नौजवान' का ऑफर मिला.


स्कूल से मिलती थी धमकी


तबु का कहना है कि जब उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'हम नौजवान' की तो उन्हें स्कूल बंक करना पड़ता था. वो पढ़ाई में बहुत अच्छी थीं और उस दौर में स्कूल बंक करना बिलकुल अच्छा नहीं माना जाता था.



ऐसे में प्रिंसीपल ने तबु की मां को स्कूल बुलाकर एक गंभीर डिस्कशन की कि आप अपनी बेटी को फिल्मों में रखना चाहते हैं या पढ़ाना चाहते हैं.


तबु ने नहीं ली थी कोई ट्रेनिंग


तबु का ये मानना है कि उन्होंने फिल्मों से आने से पहले किसी भी तरह की कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी. जैसे कुछ एक्टर्स रिसर्च करने के बाद एक्टिंग करते हैं. वहीं तबु अपनी इंस्टिंक्ट पर बेस्ड फिल्में ही करना पसंद करती हैं.



चाहे वो 'चांदनी बार' हो या 'अंधाधुंध' या 'माचिस'. वो हर किरदार में खुद को भूलाकर एक नई तबु को जन्म देती हैं.


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