नई दिल्ली: एक के बाद एक फिल्में फ्लॉप होने के बाद बॉलीवुड में हड़कंप सा मच गया है. ऐसे में हर फिल्म मेकर एक्टर डायरेक्टर इसपर खूब टीका टिप्पणी करते हुए नजर आ रहा है. कोई लोगों पर दोष डाल रहा है तो कोई इकोनॉमी पर ऐसे में बहती गंगा में फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) भी कूद पड़े हैं. उन्होंने भी इस पर अपनी स्टेटमेंट दी है.


ओटीटी पर हिंदी कंटेट की धूम


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फरहान अख्तर ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बताया है कि अपनी भाषा को लेकर हर इंसान इमोशनल होता है. उनका अपनी भाषा के साथ खास लगाव होता है. कुछ इमोशंस उन तक उनकी भाषा में ही पहुंचाए जा सकते हैं. ऐसे में अपनी भाषा में कॉन्टेट देखना बेहद अलग है. जब आप बाहर के किसी इंसान से बात करते हैं तो हो सकता है कि भावनाएं बदल जाए. फिल्म 'एलेक्जेंडर द ग्रेट' को भले ही आपने इंग्लिश में देखा हो पर ये बात साफ है कि रोमन लोग कभी इंग्लिश नहीं बोलते हैं.


बैरियर्स को तोड़े


फरहान अख्तर कहते हैं कि आपका इंग्लिश कॉन्टेंट को देखना बेहद ही आम है. ऐसे में अब समय आ गया है कि अब इस बैरियर को तोड़ना चाहिए. ऐसे में हमें ऐसा रास्ता ढूंढना होगा जिससे हर भाषा में भावनाएं जाहिर की जा सकें. पर्सनली ये मुझे बहुत बड़ा मुद्दा लगता है. मुझे खुशी है कि दुनिया अब दूसरी भाषाओं में कॉन्टेट देख रही है.


ग्लोबल ऑडिएंस पर ध्यान दें


फरहान अख्तर का मानना है कि बॉलीवुड को अब ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है उन्हें ग्लोबल ऑडिएंस को देखते हुए कॉन्टेट तैयार करना होगा. हमें ज्यादा लोगों तक पहुंचने का तरीका ढूंढना होगा जैसा 'द अवेंजर्स' ने किया. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सी भाषा में बात कर रहा है या कोई इंग्लिश समझ पा रहा है या नहीं. जरूरी है कॉन्टेट जिससे आप कनेक्ट कर सके.


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