जावेद अख्तर ने जब फरहान के साथ रिश्ते को बताया था लोकतांत्रिक, बोले - होती है जमकर बहस
भारतीय सिनेमा के स्वर्ण लेखक जावेद अख्तर के सुपुत्र फरहान अख्तर का आज जन्मदिन है. फरहा अख्तर ने जिंदगी में कई कामयाब फिल्में लिखीं और डायरेक्ट कीं. ऐसे में जिंदगी का सबसे बड़ा सबब उन्हें अपने पिता से मिला.
नई दिल्ली: 'क्यों डरें जिंदगी में क्या होगा? कुछ ना होगा, तो तजुर्बा तो होगा.' जावेद अख्तर ने जब ये लाइनें लिखी होंगी तो उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा कि ये उनकी जिंदगी से ज्यादा उनके बेटे फरहान अख्तर की जिंदगी पर असर डालेंगी. दिल चाहता से इंडस्ट्री में अपने हुनर का सैलाब लाने वाले फरहान ने अपने माता-पिता की जिंदगी में आए तूफान को काफी देर से समझा.
रिश्ते में दरार
फरहान अख्तर जावेद और हनी इरानी के बेटे हैं. सब बढ़िया था या यों कह लीजिए की बच्चों को खबर भी नहीं थी कि मां-पिता के रिश्ते में दरार आ रही है. हनी और जावेद ने तलाक ले लिया. जावेद अख्तर ने साथ ही जिंदगी में शबाना आजमी का स्वागत किया. उस वक्त जोया और फरहान इस खबर से बहुत निराश हुए.
माता-पिता का तलाक
फरहान अख्तर बाद में कहते हैं कि झूठ होगा अगर मैं कहूंगा कि हम पर माता-पिता के तलाक का कोई असर नहीं पड़ा. दरअसल हम भी काफी टूट गए थे. माता-पिता दोनों दोस्तों की तरह अलग हुए. बाद में धीरे-धीरे जब उनसे बात की तो दोनों को समझा और जाना कि कई बार चीजों को खत्म करना ही बेहतर होता है.
कम बातचीत
जावेद अख्तर बाद में कहते हैं कि मैं फादर की सही परिभाषा में बैठता हूं या नहीं जानता लेकिन बेटों के साथ पिता का रिश्ता हमेशा से ही कम बातचीत वाला रहा है. मेरा फरहान और जोया का रिश्ता बहुत डेमोक्रेटिक है. दुनिया में ऐसा कुछ नहीं है जो वो मुझसे डिस्कस नहीं कर सकते हां मेरे बच्चे बहुत बहस करते हैं क्योंकि लोकतंत्र के साथ कुछ समस्याएं भी आती हैं.
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