नई दिल्ली: 'कौन बनेगा करोड़पति' (Kaun Banega Crorepati) फिर से एक बार दर्शकों के बीच आने वाला है. शो के प्रोमो को भी रिलीज किया गया. प्रोमो आजादी के उत्सव से भरा है. इस आजादी के उत्सव में अमिताभ बच्चन के शो पर कई पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित हस्तियां नजर आईं. खेल जगत से मैरी कॉम और सुनील छेतरी शो का मान बढ़ाते दिखे. वहीं इस शो पर कारगिल युद्ध के एक बहादुर नायक भी मौजूद रहे. उनके जोश को देख दर्शकों की आंखें नम हो गई.


मेजर डीपी सिंह


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कारगिल युद्ध भारत और पाक के बीच हुआ एक खौफनाक युद्ध था जिसमें दोनों देशों ने अपने बहुत से सैनिक खोए. पाकिस्तान के नापाक इरादों को नेस्तनाबूद करने के लिए देश के सबसे बेहतरीन ऑफिसर ऑन ग्राउंड ड्यूटी पर तैनात थे. हमने इस युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन सौरभ कालिया जैसे बहादुरों को खो दिया. इन्ही बहादुरों के बीच नाम आता है मेजर रि. डीपी सिंह का.


कारगिल में दिखाया अपना जोश


जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में एक पोस्ट का जिम्मा मेजर डीपी सिंह पर था. पाकिस्तानी पोस्ट उनकी लोकेशन से 80 मीटर की ही दूरी पर थी. 15 जुलाई को दुश्मन एक्टिव हो गया और उसने गोलीबारी शुरू कर दी. मेजर बंकर के बाहर थे तभी मोर्टार से हमला हुआ. एक मोर्टार से तो मेजर बच गए पर दूसरे मोर्टार ने उन्हें घायल कर दिया. उन्हें तुरंत आर्मी अस्पताल में भर्ती करवाया गया.



डॉक्टर ने मृत घोषित किया


हमले में उनका पैर काट दिया गया. उनकी सांसें उखड़ रही थीं. डीपी सिंह अभी भी हिम्मत रखे हुए थे. मौत से लगातार जंग लड़ने के तीन दिन बाद मेजर को होश आया. डॉक्टर उन्हें पहले ही मरा हुआ घोषित कर चुके थे. ये उनके लिए पुनर्जन्म जैसा था. मेजर करीब एक साल तक उस अस्पताल में थे. उनकी आंतों के भी कई हिस्से हटा दिए गए. सुनने की ताकत भी कमजोर हो गई शरीर में 50 स्प्लिंटर्स लगे थे.



शो पर दिखा वही जोश


केबीसी के मंच पर आमिर के बगल में बैठे मेजर डीपी सिंह कहते है कि आज भी उनके शरीर में 73 छर्रे मौजूद हैं. अपने एक पैर की बदौलत उन्होंने 2009 में मैराथन में भी हिस्सा लिया था. आज भी मेजर डीपी सिंह उन लोगों को धन्यवाद कहते हैं जिन्होंने उन्हें खून दिया था. उनका मानना है कि उनके शरीर में पूरे देश का खून दौड़ रहा है. अपनी सफलता का श्रेय मेजर सेना के अनुशासन और ट्रेनिंग को देते हैं.



मेजर डीपी सिंह की बर्थडे लिस्ट में एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन तारीखें मौजूद हैं. 13 जनवरी जब वो पैदा होकर इस दुनिया में आए. 13 सितंबर जो दस्तावेजों के आधार पर उनकी जन्म तारीख है. तीसरी 15 जुलाई जिस दिन उन्होंने मौत से जंग जीती थी. वो आज भी उस दिन को याद कर डेथ और पुनर्जन्म डे की तरह सेलिब्रेट करते हैं.



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