न्यूड फोटोग्राफी और मूर्तियों का इतिहास, रणवीर सिंह विवाद के बहाने जानिए कुछ अहम बातें
एक्टर रणवीर सिंह ने एक पेपर मैगजीन के लिए न्यूड फोटोशूट कराया है, जिसे लेकर बवाल मच गया है. सांस्कृतिक बंधनों को तोड़ने से लेकर महिलाओं के सम्मान को चोट पहुंचाने का जिम्मेदार अब रणवीर सिंह की इन तस्वीरों को माना जा रहा है.
नई दिल्लीः एक्टर रणवीर सिंह (Ranveer Singh) ने एक पेपर मैगजीन के लिए न्यूड फोटोशूट कराया है, जिसे लेकर बवाल मच गया है. सांस्कृतिक बंधनों को तोड़ने से लेकर महिलाओं के सम्मान को चोट पहुंचाने का जिम्मेदार अब रणवीर सिंह की इन तस्वीरों को माना जा रहा है. उनपर एफआईआर भी हो चुकी है. वैसे तो ये कोई नया मसला नहीं है, न ही बॉलीवुड के लिए और न ही खुद रणवीर सिंह के लिए, लेकिन सवाल अब उठ रहे हैं तो बवाल भी शुरू हो गया है.
इन न्यूड तस्वीरों पर हर मुद्दे की तरह ही दोतरफा बहस भी हो रही है. ये बात सच है कि विदेशी फिल्मों में एक्टर और एक्ट्रेस के लिए ये बहुत आम बात है. न्यूड फोटोशूट या फिल्मों में इंटीमेट सीन का फिल्माया जाना एक्टिंग का ही एक हिस्सा है और इसे लेकर अब सामान्य सी सहमति भी है.
एक न्यूड तस्वीर जिसे माना जाता है पुनर्जागरण का प्रतीक
अब अगर इसी तरह की नग्न तस्वीरों में नकारात्मकता ही ढूंढ़ी जाए तो फिर एक तस्वीर बिल्कुल इसके उलट आपने देखी होगी. दुनिया के कई बड़े चौराहे, म्यूजियम और संस्थानों में एक तस्वीर आपने देखी होगी, जिसमें एक शख्स बिल्कुल नग्न अवस्था में खड़ा है. आपको इस मूर्ति का इतिहास जानकर हैरानी होगी. इस मूर्ति को बनाया है इटली के मशहूर चित्रकार रहे माइकल एंजेलो ने, जिसे पुनर्जागरण काल की सबसे मशहूर कृति माना जाता है.यही नहीं इस मूर्ति को बाइबिल किरदार डेविड के रूप में दिखाया जाता है.
इस तस्वीर को देखने के बाद इसे लोग कैमरों में हर उस एंगेल से सहेज लेना चाहते हैं जिसे कर पाने में वो सक्षम है. इस ऐतिहासिक मूर्ति को देखकर वो इसकी बारिकियों पर चर्चा करते हैं और खूबियों का बखान. कुल मिलाकर इस नग्न तस्वीर को देखकर उन्हें कुछ भी खराब होने का डर नहीं होता है न ही नियत का और न ही समाज का.
ये एक्ट्रेस थी दुनिया का क्रश
अभिनेताओं की तस्वीरों की बात करें तो एक नाम भला कैसे भूल सकते हैं. नाम है 'सिंडी क्रॉफर्ड'. अमेरिका की सुपरमॉडल जिन्हें वर्ल्ड क्रश कहा जाता था. 1980-90 के बीच सिंडी का जलवा कुछ ऐसा था कि उन्हें दुनिया की सबसे बेहतरीन मॉडल के रूप में जाना जाता था. इस एक्ट्रेस ने भी न्यूड फोटोशूट और योग को खूब बढ़ावा दिया. इसने मॉडलिंग की दुनिया को नई पहचान भी दी. सिंडी के काम को पूरी दुनिया में प्यार मिला और करोड़ों दिलों में जगह भी.
डीएच लॉरेंस और नोबेल पुरस्कार जीतने वाले बोरीस पास्तरनाक ने भी अपनी रचनाओं में न्यूडिटी, कामुकता को लेकर ऐसा बहुत कुछ कहा है, जिसे लेकर सवाल भी उठे और उसे सराहा भी गया.
खजुराहो का भी इतिहास जान लीजिए
बहुत दूर जाने की भी जरूरत नहीं है. एमपी के खजुराहो मंदिर जाइए. स्त्री हो या पुरुष. कामुकता की कई तस्वीरें आपकों दीवारों पर कुरेदी हुई मिलेंगी. इसे देखकर आप ये नहीं कहते हैं कि इससे हमारी संस्कृति खराब हो रही है, बल्कि आप इसपर गर्व करते हैं. ये कहते हैं कि हमारे यहां सेक्स को लेकर कितना कुछ लिखा गया है. कामासूत्र लिखने वाले वात्सायन को हमारे इतिहास ने ऋषि का दर्जा दिया है. वो कहते थे कि जिस तरह जीवन के तमाम पहलुओं पर बात होती है वैसे ही सेक्स पर भी होनी चाहिए. इसे आर्ट ऑफ लिविंग के हिसाब से पढ़ा जाना चाहिए.
रणवीर के इस रूप पर फैंस हो जाते हैं दीवाने
वैसे ऐसा भी नहीं है कि नग्न फोटो पर बवाल का होना केवल हिंदुस्तान तक महदूद हो. कभी किसी आर्ट गैलरी में जाते हैं तो वहां आपको दोनों तरह के लोग मिलते हैं. कोई उसमें कला तलाशता है तो कोई उसमें समाज के लिए खतरा. ये सब केवल नजरिए का दोष है. यही रणवीर कपूर जब शर्टलेस होकर अपनी टोन बॉडी दिखाते हैं तो उसे लोग स्टाइल सिंबल मानकर तारीफ करते हैं, लेकिन एक कपड़े के और कम हो जाने पर तमाम खतरे भी दिखने लगते हैं.
कई सुधारक और प्रगतिशील लोग महिलाओं के कपड़ों को लेकर तमाम बातें करते हैं. वो उसे फैशन और हक की बात कहकर समर्थन देते हैं तो फिर भला रणवीर सिंह के लिए ये मापदंड क्यों नहीं?
कुल मिलाकर आसान शब्दों में कहें तो न्यूड फोटोशूट, वीडियो शूट को लेकर दुनियाभर में अलग-अलग रूप देखने को मिले हैं. कहीं इन्हें बंधनों को तोड़ने वाला माना गया और इसे खूब पसंद किया गया, प्रगतिशील कदम के रूप में देखा गया तो कई जगह इसको लेकर विवाद हुए और इन्हें समाज के लिए घातक बताया गया. फिलहाल अब देखना होगा कि रणवीर सिंह इसपर क्या सफाई देते हैं और उनपर किस तरह का एक्शन होता है.
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