नई दिल्ली: बॉलीवुड में कई ऐसे कलाकार हुए जो एक्टिंग के साथ ही साथ अपने खास अंदाज और व्यवहार के लिए याद किए जाते हैं, इस फेहरिस्त में एक नाम महमूद अली (Mehmood Ali) का भी आता है. हिंदी सिनेमा में दिलचस्पी रखने वाले लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि महमूद बॉलीवुड (Bollywood Movie) के लिए किसी ध्रुवतारा की तरह थे, जिनका नाम भर जुड़ जाने से कोई भी फिल्म सुर्खियों में आ जाती थीं. वह सिनेमा में किसी 'वन मैन आर्मी' की तरह थे, जो एक्टिंग, सिंगिंग, डायरेक्शन के साथ ही साथ कॉमेडियन के तौर पर भी शानदार अभिनय करते थे.


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50 से 70 के दशक में जब हिंदी सिनेमा में कॉमेडियन के रोल का काफी अधिक स्कोप नहीं था, ऐसे समय में महमूद एकलौते ऐसे कॉमेडियन (Comedian) थे जिनकी तस्वीर लीड रोल कर रहे एक्टर के साथ सिनेमाघरों के बाहर पोस्टर पर छपती थी. आज 29 सितंबर यानी महमूद का जन्मदिन है, ऐसे में उनके जीवन से जुड़े अहम किस्से जानते हैं.


अमिताभ के गॉडफादर महमूद
महमूद अली को एक बेहतर कलाकार के साथ ही साथ बेहतर इंसान के तौर पर भी याद किया जाता है. यही वजह है कि बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी महमूद को अपना गॉडफादर कहा करते हैं. इसके पीछे की कहानी यह है कि  जब इंडस्ट्री में अमिताभ को कोई जानता भी नहीं था तब महमूद ने अपने घर पनाह देकर उन्हें कई फिल्मों में काम दिलवाया. यही नहीं महमूद ने अमिताभ (Amitabh Bachchan) के खाने और रहने का इंतजाम भी किया था. अपने आखिरी के दिनों में भी एक वीडियो जारी कर महमूद ने अमिताभ को अपना बेटा बताया था.


महमूद ने जब राजेश खन्ना को जड़ा थप्पड़
महमूद अली अपने समय के बेहद पाबंद थे. वह सेट पर समय से पहुंचते थे और दूसरे कलाकारों से भी यही उम्मीद करते थे. एक बार उनकी फिल्म जनता दरबार में बॉलीवुड के मशहूर एक्टर राजेश खन्ना को काम मिला था. यह वह दौर था जब राजेश खन्ना को हिंदी सिनेमा में सुपरस्टार के तौर जाना जाने लगा था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजेश खन्ना का स्टारडम इस कदर था कि लड़कियां उनकी गाड़ी की धूल से अपनी मांग तक भरती थीं. राजेश को सेट पर देर से पहुंचने की आदत थी. कहा जाता था कि अगर उन्हें सुबह का वक्त दिया जाता था तो वह सेट पर शाम को पहुंचा करते थे. उनकी इस आदत के कारण बॉलीवुड के मशहूर एक्टर महमूद काफी नाराज हो गए थे और उन्होंने राजेश खन्ना को थप्पड़ तक मार दिया था.


जब अमिताभ महमूद के आगे गिड़गिड़ाने लगे
महमूद ने मुंबई में काम नहीं मिलने पर वापस अपने घर लौटने के बारे में सोच रहे अमिताभ को ‘बॉम्बे टू गोवा’ में काम दिया. इस फिल्म को खुद महमूद ने प्रोड्यूस किया था. फिल्म के गाने, ‘देखा ना हाय रे, सोचा ना’ पर एक्टर को डांस करना था, लेकिन अमिताभ डांस में कच्चे थे. अमिताभ के डांस को देख हर कोई सेट पर हंसने लगा जिससे परेशान होकर एक्टर ने महमूद के पैर पकड़ लिए और रोते हुए कहा कि उनसे डांस नहीं हो पाएगा. इसके बाद महमूद ने कहा कि डांस भी होगा और आप ही करोगे. बाद में ऐसा ही कुछ हुआ. अमिताभ की इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया. 


लोकल ट्रेन में कभी टॉफियां बेचते थे महमूद
महमूद के दरियादिली इंसान होने के पीछे एक वजह यह भी था कि वह बेहद गरीब परिवार से आते थे. महमूद के आठ भाई बहन थे जिसमें से बहन मीनू मुमताज बड़ी अभिनेत्री थीं. बचपन में घर की आर्थिक जरूरतें पूरी करने के लिए महमूद, मलाड और विरार के बीच चलने वाली लोकल ट्रेनों में टॉफियां बेचा करते थे. अपने पिता के कहने पर 1943 में उन्हें बॉम्बे टॉकीज की फिल्म 'किस्मत' से डेब्यू किया. फिल्म में महमूद ने अभिनेता अशोक कुमार के बचपन की भूमिका निभाई थी, जिसे खूब सराहा गया था. इसके बाद महमूद आगे बढ़ते रहे और कभी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 


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