मृणाल ठाकुर की `आंख मिचौली` पर कसा कानूनी शिकंजा, जानिए क्यों भेजा गया नोटिस!
मृणाल ठाकुर की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म `आंख मिचौली` इस समय कानूनी पचड़ों में फंसी नजर आ रही है. अब प्रोड्यूसर और सेंसर बोर्ड के खिलाफ नोटिस भी जारी कर दिया गया है.
नई दिल्ली: मृणाल ठाकुर (Mrunal Thakur) के लीड रोल वाली फिल्म 'आंख मिचौली' हाल ही में रिलीज की गई है. इसी के साथ अब फिल्म कानूनी पचड़ों में भी जा फंसी है. दरअसल, मेकर्स पर आरोप लगा है कि उन्होंने फिल्म में दिव्यांग लोगों का मजाक बनाया है. ऐसे में अब दिव्यांगजनों के विशेष कोर्ट CCPD ने प्रोड्यूसर्स और सेंसर बोर्ड के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है.
3 नवंबर को रिलीज हुई थी फिल्म
बता दें कि 'आंख मिचौली' में मृणाल के अलावा परेश रावल, अभिमन्यु दसानी, दिव्या दत्ता, शरमन जोशी और अभिषेक बनर्जी जैसे कई बेहतरीन कलाकार नजर आ रहे हैं. उमेश शुक्ला के निर्देशन में बनी इस फिल्म को 3 नवंबर को रिलीज किया गया था. इसकी कहानी में कई ऐसे किरदार दिखाए गए हैं जो किसी न किसी तरह से दिव्यांग हैं और इन्हें कॉमिक अंदाज में पेश किया गया है.
जानिए क्या है कहानी
फिल्म की कहानी एक ऐसी लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है जिसे शाम के बाद दिखना बंद हो जाता है. अब इनका परिवार इनके लिए एक सुशील लड़का तलाश कर रहा है. वहीं, इस लड़की के पिता का किरदार परेश रावल ने निभाया है, जिन्हें भूलने की बीमारी है. दूसरी ओर अभिषेक बनर्जी के किरदार को हकलाने की समस्या है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कारण डिसेबिलिटी के डिप्टी चीफ कमिश्नर पीपी अबंष्ट ने 11 नवंबर को मेकर्स को नोटिस जारी किया था.
5 साल तक की हो सकती है सजा
खबरों के मुताबिक, नोटिस में कहा गया है कि इस फिल्म में दिव्यांगजनों के 2016 के अधिकार अधिनियम के तहत उनका मजाक उड़ाया गया है. मेकर्स ने कंटेंट के तौर पर बोलने, सुनने, देखने और मेंटली डिसेबिलिटी का मजाक बनाया है, जो एक दंडनीय अपराध है. साथ ही इस एक्ट के सेक्शन 92 में अगर कोई भी सार्वजनिक तौर पर दिव्यांगजनों का अपमान करता है तो उसे सजा दी जाएगी, जो 6 महीने से 5 साल तक हो सकती है.
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