नई दिल्ली: Puneet Rajkumar first Death anniversary: कन्नड़ फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता पुनीत राजकुमार का जन्म 17 मार्च 1975 में चेन्नई में हुआ था. एक्टर दक्षिण भारतीय फिल्मों के सबसे महँगे कलाकारों में से एक थे. पुनीत जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे. एक्टर कई बच्चों को फ्री में शिक्षा दिला रहे थे.


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1800 बच्चों को दिलाई शिक्षा


पुनीत राजकुमार मैसूर में शक्ति धाम आश्रम से जुड़े थे. वह अपनी मां के साथ यहां के कामों को करते थे. उन्होंने 1800 अनाथ बच्चों को भी गोद लिया हुआ था, साथ ही उनकी पढ़ाई का खर्च यही उठाते थे. वे किसी भी खेल, सामाजिक आयोजन के लिए किसी भी तरह की फीस चार्ज नहीं करते थे. ये सब सामाजिक कार्य वह अपनी मेहनत द्वारा की गई कमाई से करते थे. उनके निधन के बाद से इन 1800 बच्चों की जिम्मेदारी साउथ एक्टर विशाल ने ली है. 


बुजुर्गों की सेवा करना मानते थे अपना धर्म


बच्चों के साथ ही एक्टर बुजुर्गों की सेवा भी करते थे. पुनीत  46 अनाथ आश्रम, 26 अनाथालय, 16 वृद्धाश्रम, 19 गौशालाओं का संचालन कर रहे थे, जो अभी भी चल रही हैं. उनके निधन के बाद से उनके इन सभी कामों को परिवार द्वारा संचालित किया जा रहा है. लेकिन इन सबका उन्होंने कभी मीडिया या पब्लिक प्लेटफॉर्म पर जिक्र नहीं किया. वो सामाजिक संस्थाओं को दिल खोलकर मदद किया करते थे. कोरोना महामारी के समय उन्होंने 50 लाख रुपये दान किए थे.


दिल का दौरा पड़ने से हुआ था निधन


पुनीत राजकुमार एक भारतीय कन्नड़ अभिनेता, बैकग्राउंड सिंगर , टीवी सेलिब्रिटी और फिल्म निर्माता थे. पुनीत की 29 अक्टूबर 2021 को हार्ट अटैक के करण मृत्यु हो गई. पुनीत राजकुमार ने आम बोलचाल की भाषा में अप्पू के नाम से ज्यादातर  कन्नड़ सिनेमा में काम किया है.उन्होंने रामू में अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था. वहीं  चालिसुवा मोदागालु और येराडु नक्षत्रगलु के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का कर्नाटक राज्य पुरस्कार भी जीता था.


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