Sunil Dutt Special: फिल्मी दुनिया में कम ही ऐसे लोग होंगे, जो अपनी बेहतरीन अदाकारी के साथ-साथ अपने सादगी भरे व्यवहार से भी लोगों का दिल जीत लेते हैं. ऐसे ही एक कलाकार थे सुनील थे, जिनका काम आज भी नए कलाकारों को प्रेरित करता है. सुनील दत्त के लिए कहा जाता है कि वह एक शानदर कलाकार होने के साथ ही आकर्षक और अपनी बातों के पक्के शख्स थे. अगर उन्होंने किसी से कोई वादा किया तो वह उसे निभाते जरूर थे, ऐसे में उन्होंने अपनी फिल्म से हाथ भी धोना पड़ गया था. चलिए आज एक्टर की पुण्यतिथि के मौके पर उनसे जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा जानते हैं.


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एक्टर बनना चाहते थे सुनील दत्त


कहते हैं कि सुनील दत्त हमेशा से ही एक्टर बनना चाहते थे. हालांकि, एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले उन्होंने कुछ समय तक रेडियो जॉकी के तौर पर भी काम किया. इस दौरान वह अपनी पढ़ाई भी करते रहे. उन दिनों वह साउथ एशिया के पुराने रेडियो 'सीलोन' में काम करते थे और ‘लिपटन की महफिल’ टाइटल से शो चलाते थे. हिंदी पर उनकी काफी अच्छी पकड़ थी. इसी शो के कारण सुनील दत्त की जिंदगी पूरी तरह से पलट गई.


इंटरव्यू के दौरान हुई सहगल से मुलाकात


अपने इस शो में सुनील कई मशहूर कलाकारों का इंटरव्यू लिया करते थे. एक दिन उनकेफ शो में दिलीप कुमार पहुंचे. इसी दौरान सुनील दत्त की मुलाकात डायरेक्टर रमेश सहगल से हुई. सहगल उन्हें देखकर उनके व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हुए. ऐसे में उन्होंने दत्त साहब को स्क्रीन टेस्ट के लिए बुला लिया. सहगल ने उन्हें अपनी अगली फिल्म का ऑफर दिया और 300 रुपये फीस देने का वादा भी कर दिया.


इसलिए ठुकरा दिया ऑफर


सुनील दत्त इस ऑफर से बेहद खुश थे. हालांकि, अगले ही पल उनके चेहरे से यह मुस्कान छिन भी गई. दरअसल, सुनील दत्त को इस दौरान अपनी मां से किया एक वचन याद आया. दत्त साहब की मां चाहती थीं कि पहले वो अपनी पढ़ाई पूरी करें और एक्टिंग में हाथ आजमाएं. ऐसे में वह तुरंत सहगल के पास गए और उन्हें अपनी परेशानी बताते कहा कि मां को दिए वचन के कारण वह इस फिल्म में काम नहीं कर पाएंगे.


सहगल हो गए और प्रभावित


सुनील दत्त की इस बात से सगहल और प्रभावित हो गए. ऐसे में उन्होंने दत्त साहब से कहा कि वह पहले अपनी पढ़ाई पूरी कर लें, फिर फिल्म पर काम शुरू करेंगे. इसके बाद सुनील दत्त ने 1955 में रिलीज हुई सगहल की फिल्म 'रेलवे प्लेटफॉर्म' से अपने फिल्मों में कदम रख दिया. दत्त साहब ने अपने लंबे फिल्मी करियर में एक से एक फिल्में दर्शकों के बीच पेश की. उनकी अदाकारी का जादू ही है कि आज वह हमारे बीच न होते हुए भी दिलों में जिंदा है. सुनील दत्त ने 25 मई, 2005 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.


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