नई दिल्ली: Yash Chopra Death Anniversary: आज बॉलीवुड में रोमांस के कई नाम हैं. अब तक देखें, तो राजेश खन्ना, शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन, ऋषि कपूर जैसे नामों को रोमांस के साथ जोड़ा जाता है. लेकिन राजेश खन्ना को सुपरस्टार, शाहरुख को किंग ऑफ रोमांस और अमिताभ बच्चन को महानायक बनाने के पीछे जिसका सबसे बड़ा हाथ है, वो हैं यश चोपड़ा. अगर यश जी न होते तो शायद ही 'कभी-कभी आपके दिल में रोमांटिक ख्याल आते', शायद ही 'तेरी आंखों की नमकीन मस्तियां' होती, और शायद ही 'आप और आपकी तन्हाई अक्सर बातें कर पाते'.


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बचपन से ही था फिल्मों का शौक


यश जी अपने 8 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. उन्हें फिल्मों से बड़ा लगाव था. जब भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद परिवार लुधियाना आया, तो यश चोपड़ा अपने भाई के साथ बॉम्बे पहुंच गए.  बड़े भाई बीआर चोपड़ा हिंदी फिल्मों का निर्देशन करते थे. यश जी ने उन्हीं को असिस्ट करना शुरू कर दिया.



पहली बार 1959 में उन्हें 'धूल का फूल' डायरेक्ट करने का मौका मिला. उसके बाद उनकी दूसरी फिल्म 1961 में 'धर्मपुत्र' थी. धीरे-धीरे यश चोपड़ा का काम लोगों को पसंद आने लगा और बड़े प्रोड्यूसर उनके साथ काम करने को बैचैन होने लगे.


बॉलीवुड में लाए प्यार की बहार


यश जी ने लहराते सरसों के खेतों में शिफॉन की साड़ी में लिपटी हीरोइन, सफ्द चादरों से ढके पहड़ों पर छुपा प्यार, रोमांटिक सा बैकग्राउंड म्यूजिक, इन सभी चीजों के जादू से हिंदी सिनेमा को परिचित कराया. यश चोपड़ा ने अपनी फिल्मों में कई एक्सपेरिमेंट किए हैं.



हिंदी सिनेमा की पहली मल्टीस्टारर फिल्म 'वक्त' भी उन्होंने बनाई और साबित कर दिया की एक फिल्म में कई चेहरों के साथ शानदार काम किया जा सकता है. जब सिर्फ गाने की वजह से उनकी फिल्में हिट हो जाती थी. उन्होंने बिना गाने और इंटरवल की फिल्म इत्तेफाक भी बनाई. इस फिल्म के लिए यश चोपड़ा को बेस्ट डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था. 


राजेश खन्ना से लेकर शाहरुख खान को बनाया सुपरस्टार


यश जी ने दाग फिल्म बनाई थी. जिसमें राजेश खन्ना थे. इस फिल्म को बनाने में काका ने उनकी बड़ी मदद की थी. फिल्म के रिलीज होने बहुत दिक्कत आई, लेकिन जब रिलीज हुई तो कई रिकॉर्ड्स टूट गए.



वही बात अमिताभ बच्चन की करें तो उनके साथ यश जी ने दीवार, त्रिशूल, कभी-कभी और सिलसिला जैसी शानदार फिल्में बनाई. वहीं शाहरुख खान की किस्मत उनकी फिल्म डर ने बदल दी. जिसके बाद यश जी का रिश्ता किंग खान से 'जब तक है जान' तक रहा.


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