बॉलीवुड के बी-ग्रेड कलाकार और निर्देशक दिल्ली दंगों के बहाने फिर से हुए एक्सपोज
दिल्ली में दंगा क्या भड़का, बॉलीवुड के कुछ अनजाने कलाकारों और निर्देशकों को अपनी राजनीति चमकाने का मौका मिल गया. ये वही लोग हैं जिन्हें दिल्ली में शहीद हुए रतनलाल की मौत पर कोई दुख नहीं हुआ. लेकिन जैसे ही पुलिस ने दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई शुरु की. उन्होंने विरोध शुरु कर दिया. ये लोग सोच रहे हैं कि शायद इसी बहाने उनकी पहचान बन जाए.
नई दिल्ली: जहां राजधानी दिल्ली पूरी तरह से दंगों से घिर चुकी है. पिछले 72 घंटों में दिल्ली के उत्तर-पूर्वी एरिया से दिल दहला देने वाली घटना सामने आ रही है तो वहीं कुछ लोग ट्वीटर का सहारा लेकर महज सुर्खियां बटोरने का एक मौका नहीं छोड़ रहे. CAA के मसले पर पूरा देश दो भागों में बट चुका है एक तो इसके सपोर्ट में है तो दूसरा दल विरोध में इस तरह से सामने आ रहा है कि सही गलत सब भूल चूका है.
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आज पूरे देश के सामने गंभीर स्थिति पैदा हो चुकी है जहां हर किसी को बोलने या कुछ भी करने से पहले देशहित और आमजन का ख्याल रखना होगा. तो ऐसे नाजुक माहौल में हमारे बॉलीवुड के कुछ बी-ग्रेड स्टार व कलाकार भी हैं जिनको उनकी फिल्मों की वजह से तो नाम नहीं मिल पाया. तो ऐसे ही लोग थोड़े फैम और नाम के लिए देश को ताख पर रखने से भी नहीं चूक रहे हैं. इन कलाकारों और डायरेक्टर को यह ध्यान रखना चाहिए कि जब आप एक पब्लिक पर्सनलिटी हैं तो आपको देश पर सवाल नहीं खड़े करने चाहिए और न हिं ऐसी बात करनी चाहिए जिससे देश में माहौल बिगड़े.
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लेकिन शायद ऐसे लोगों को किसी भी तरह से बस फैम चाहिए जिसके लिए यह देश के नाम पर भी सौदा कर सकते हैं. ऐसे सेलिब्रिटी में ऋचा चड्ढा, अनुराग कश्यप, स्वरा भास्कर जैसे नाम टॉप लिस्ट पर है. जहां स्वरा भास्कर हर चीज का जिम्मेदार वर्तमान सरकार को टहराती दिख रही है. तो वहीं अनुराग कश्यप भी जमकर देश के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. इसी लिस्ट में जो तीसरा नाम है वह है ऋचा चड़ढा का. ऋचा चड्ढा की फिल्मों से उन्हें ज्यादा नाम तो नहीं मिल पाया लेकिन लगता है नाम कमाने की चाह में ऋचा कुछ भी करने को तैयार हैं.
ऋचा चड्ढा ने ट्वीट कर लिखा है कि आपके हाथ में खून लग गया है और आप जानते हैं कि आप कौन हो. एक सच्चे हिंदू होने के नाते में कर्म में भरोसा रखती हूं. और यह आपके अगले जन्म का इंतजार नहीं करेगा बल्कि बहुत जल्द आपके सामने आएगा चाहे एक बिमारी के रूप में या किसी पीड़ा की तरह.
हमारे देश भारत में आर्टिकल 19.a1 के तहत तो हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी तो दी गई है लेकिन शायद इसी आजादी का कुछ लोग अपने फायदे के लिए गलत यूज करने से भी नहीं चौंक रहे हैं. और ये सारे कलाकार तब ही सामने आते हैं जब एक तरफा मसला हो या किसी विशेषजाति वर्ग के लोगों की बात हो. ये वहीं लोग हैं जिन्होंने दिल्ली पुलिस के शहीद रतनलाल के लिए कुछ संवेदना तक नहीं जताई.