नई दिल्ली: देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के लिए नामित और नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस उदय उमेश ललित ने लीगल सर्विस से जुड़े प्राधिकरणों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में राष्ट्रीय लोक अदालत ने अब तक के सभी अनुमानों को पीछे छोड़कर एक करोड़ से अधिक मुकदमों का एक ही दिन में निस्तारण किया. इस सफलता के बाद हम आराम से नहीं बैठ सकते, बल्कि हमारे ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी आ गई है और इसके लिए निरंतर प्रयास करने होंगे.


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365 जिलों में शुरू हो रहा लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम
जस्टिस यू यू ललित नालसा की ओर से देश के 365 जिलों में शुरू करने जा रहे लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के लॉन्चिंग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में देश के 22 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के सदस्य सचिव और सचिव मौजूद रहे. 


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जस्टिस यू यू ललित ने कहा कि अब तक आपराधिक मामलों में लीगल सर्विस का दायरा कम था, लेकिन अब विशेष रूप से कानूनी सहायता लाभार्थियों के लिए अपराधिक मामलों में भी पूर्णकालिक वकीलों के जरिए कानूनी सहायता, सहयोग और लीगल प्रजेटेंशन को बदलने की ये महत्वपूर्ण पहल है.


लीगल सर्विस से जुड़े लोगों की तारीफ की
जस्टिस ललित ने अपने कार्यकाल के दौरान मिले सहयोग के लिए अपने संबोधन में कहा कि पिछले 15 महीनों में लीगल सर्विस की उपलब्धियों के लिए इस आंदोलन में जुड़े हर व्यक्ति को धन्यवाद देना है. उन्होंने लीगल सर्विस से जुड़े लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से ही मिलकर चुनौतियों का सामना किया है और बेहतर रिजल्ट के साथ सामने आए हैं.


जस्टिस ललित ने कहा कि अब कार्रवाई का समय आ गया है. हमने चुनौतियों से बहुत कुछ सीखा है, उसका इस्तेमाल करने की जरूरत है.


'कुएं के पास प्यास बुझाने आए थे, हाथ पांव धोए, तब तक पानी समाप्त हो गया'
जस्टिस ललित ने संबोधन के दौरान अपना निजी अनुभव साझा करते हुए कहा कि बॉम्बे के बड़े पक्षकार ने एक मामले की सुनवाई के लिए सोली सोराबजी को हायर किया था. करीब 6 बार की तारीखों के बाद अचानक से एक दिन उन्होंने मुझे अप्रोच किया, लेकिन उस समय मैं काफी जूनियर अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस कर रहा था. मैंने अपने पक्षकार से पूछा कि वे अचानक मुझ जैसे जूनियर अधिवक्ता से अपने मामले की पैरवी कराने के लिए कैसे तैयार हो गए.


जस्टिस ललित ने कहा कि उनके पक्षकार ने जो जवाब उस वक्त दिया वो उसके दर्द को आज मुकदमेबाजी में फंसा हर व्यक्ति समझता है. मेरे पक्षकार ने मुझे कहा कि हम तो कुएं के पास प्यास बुझाने आए थे, लेकिन हाथ पांव धोते-धोते पानी ही समाप्त हो गया.


पायटल प्रोजेक्ट के बाद प्रथम चरण का विस्तार
नालसा के सदस्य सचिव अशोक जैन के अनुसार देश में लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम को लागू करने से सर्वप्रथम देश के 13 राज्यों के 13 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट लागू किया गया था. पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब इसके विस्तार के लिए प्रथम चरण के तहत देशभर के 22 राज्यों के 365 जिलों में शुरू किया जा रहा हैं. इसके बाद द्वितीय चरण में देश के बचे हुए जिलों में लागू किया जाएगा.


क्या है लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम
देश में लीगल सर्विस को मजबूत करने और अधिक पेशेवर बनाने की प्रक्रिया में नालसा की ओर से आम जनता को आपराधिक मामलों में लीगल सर्विस प्रोवाइडर की सेवाएं देने के लिए लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम लागू किया गया है. ये आपराधिक मामलों में भी जिला अदालतों में सरकार की ओर से कानूनी सहायता उपलब्ध कराएगी.


इसमें नालसा की ओर देश के सभी जिलों में एक कानूनी सेवा केंद्र स्थापित करने के साथ लीगल सर्विस खुद के हायर किए गए लीगल प्रोफेशनल, एडवोकेट रखे जाएंगे. और वे जरूरतमंद और गरीब लोगों को लीगल सर्विस प्रदान करेंगे.


दुनिया के कई देशों में है मौजूद
इसी तरह का डिफेंस काउंसिल सिस्टम दुनिया के कई देशों में प्रचलित है. अधिकतर देशों में पब्लिक डिफेंडर सिस्टम, कॉन्ट्रेक्ट बेस डिफेंडर सिस्टम और एजाईन डिफेंड सिस्टम का मिलाजुला रूप मौजूद है. खासतौर से अमेरिका, इजराइल, दक्षिण अफ्रीफा में जहां अलग-अलग तरह की प्रणालियां मौजूद हैं. अर्जेंटीना, चिली, जॉर्जिया, मैक्सिको, पराग्वे, पेरू, फिलीपींस, मोल्दोवा गणराज्य में पब्लिक डिफेंस सिस्टम को अपनाया गया है.


वेतनभोगी वकील भी होंगे
हमारे देश में लागू किए गए लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम में कानूनी सहायता के लिए प्राधिकरण खुद के वेतनभोगी वकील भी शामिल करने जा रहा है. लीगल सर्विस सेंटर पर ही ये वकील सहायक के रूप में आपराधिक मामलों में कानूनी सहायता प्रदान करेंगे. यहां कार्य करने वाले वकील निजी रूप से कोई केस नहीं ले सकेंगे.


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