नई दिल्ली: जस्टिस उदय उमेश ललित 27 अगस्त को देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को जस्टिस यूयू ललित के नियुक्ति वारंट पर हस्ताक्षर करने के साथ नियुक्ति आदेश जारी किया.


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नवंबर में रिटायर होंगे जस्टिस यू यू ललित
बार काउंसिल से सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले जस्टिस यू यू ललित छठे अधिवक्ता हैं. वर्तमान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमन्ना के 26 अगस्त को सेवानिवृत्त होने के बाद वह देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में 73 दिनों के कार्यकाल के बाद 8 नवंबर 2022 को अपने पद से सेवानिवृत्त होंगे.


 



बॉम्बे हाई कोर्ट से शुरू की थी प्रैक्टिस
9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र में जन्मे जस्टिस उदय उमेश ललित सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज और नालसा के एक्जीक्यूटिव चैयरमेन हैं. जस्टिस यू यू ललित ने जून 1983 में बॉम्बे हाईकोर्ट में अधिवक्ता के तौर पर प्रैक्टिस करते हुए अपने करियर की शुरुआत की थी. अपराधिक मामलों में बढ़ती पहुंच के चलते जनवरी 1986 में वह दिल्ली आ गए और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने लगे.


तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था
जस्टिस यू यू ललित के अहम फैसलों की बात करें तो वह तीन तलाक को असंवैधानिक करार देने वाली संविधान पीठ के सदस्य थे. जस्टिस ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का प्रबंधन करने का अधिकार त्रावणकोर के तत्कालीन शाही परिवार को दिया था. 


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