नई दिल्लीः बिहार में बीजेपी और जेडीयू की राहें अलग हो गई हैं. जेडीयू ने आरजेडी समेत सात पार्टियों के साथ गठबंधन कर नई सरकार बना ली है. नई सरकार में भी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. चूंकि बीजेपी और जेडीयू के बीच गठबंधन टूट गया है इसलिए सवाल उठ रहा है कि अब जेडीयू के कोटे से राज्यसभा में उपसभापति बने हरिवंश नारायण सिंह का क्या होगा?
लोकसभा स्पीकर थे सोमनाथ चटर्जी
क्या हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति पद से इस्तीफा देंगे या पूर्व लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी की राह पकड़ेंगे? दरअसल, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेता रहे सोमनाथ चटर्जी यूपीए 1 के दौरान लोकसभा के स्पीकर थे. लेकिन, 2008 में अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील के मुद्दे पर वाम दलों ने मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.
इस्तीफा देने से कर दिया था इनकार
सीपीएम चाहती थी कि सोमनाथ चटर्जी भी लोकसभा स्पीकर के पद से इस्तीफा दे दें, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया. उनका तर्क था कि स्पीकर किसी पार्टी का नहीं होता है. लेकिन, सीपीएम को उनका ये स्टैंड पसंद नहीं आया और उन्हें पार्टी से निकाल दिया. इसके बाद सोमनाथ चटर्जी का राजनीतिक जीवन भी लंबा नहीं चला. उन्होंने 2009 में राजनीति से संन्यास ले लिया. साल 2018 में सोमनाथ चटर्जी का निधन हो गया था.
पूर्व पीएम के सलाहकार रह चुके हैं हरिवंश
हालांकि, हरिवंश के सामने यह स्थिति उत्पन्न नहीं भी हो सकती है, अगर बीजेपी और जेडीयू की तरफ से उनके उपसभापति पद पर बने रहने पर कोई आपत्ति न की जाए. बता दें कि हरिवंश दो बार राज्यसभा के उपसभापति चुने गए हैं. वह राजनीति में आने से पहले अलग-अलग मीडिया संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं. यही नहीं वह पूर्व पीएम चंद्रशेखर के अतिरिक्त मीडिया सलाहकार भी रह चुके हैं.
हरिवंश पत्रकारिता जगत के जाने माने नाम रहे हैं. उन्होंने 4 दशक तक सक्रिय पत्रकारिता की. धर्मयुग, आनंद बाजार पत्रिका और प्रभात खबर जैसे अखबार और पत्रिकाओं के साथ काम किया.
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