बार काउंसिल ऑफ इंडिया के फैसले पर राजस्थान हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानें क्या है पूरा मामला

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court)  ने मंगलवार को बार कउंसिल ऑफ इंडिया ( Bar Council of India (BCI ) के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के चुनाव पर स्थग

Written by - Nizam Kantaliya | Last Updated : Oct 11, 2022, 02:27 PM IST
  • क्यों लगाई थी बीसीआई ने रोक
  • बीसीआई करेगी अपील !
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के फैसले पर राजस्थान हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानें क्या है पूरा मामला

Rajasthan High Court put stay on decision of Bar Council of India: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court)  ने मंगलवार को बार कउंसिल ऑफ इंडिया ( Bar Council of India (BCI ) के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के चुनाव पर स्थगन आदेश पारित किया था. बीसीआई के इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के विभिन्न पदों के लिए चुनाव लड़ रहे आधा दर्जन प्रत्याशियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी.

जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद बीसीआई के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश दिए है. हाई कोर्ट ने बीसीआई, बीसीआर, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर और बीसीआई के समक्ष याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता सुमेरसिंह ओला को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

बीसीआई ने इस मामले में राज्य बार काउंसिल और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 9 जनवरी 2023 की तारीख तय की थी. जबकि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव आगामी 18 नवंबर को प्रस्तावित है, जो पहले से ही करीब 8 माह की देरी से हो रहे है. वर्तमान कार्यकारिणी का एक साल का कार्यकाल 26 फरवरी 2022 को ही पूर्ण हो चुका है. 

क्यों लगाई थी बीसीआई ने रोक 

बीसीआई ने 3 अक्टूबर के अपने आदेश के जरिए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के 18 नवंबर को प्रस्तावित चुनाव पर रोक लगा दी थी. बीसीआई ने अपने आदेश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान में किसी भी अन्य बार एसोसिएशन के चुनावों पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया था. बीसीआई ने मामले में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर को नोटिस जारी कर 9 जनवरी, 2023 तक जवाब मांगा था.बीसीआई ने यह आदेश अधिवक्ता सुमेर सिंह ओला की याचिका पर दिए थे.

याचिका में कहा गया था कि शहर के कई वकील एक से ज्यादा बार एसोसिएशन की सदस्यता और मताधिकार करने का अधिकार रखते हैं, जिसमें से ज्यादातर हाईकोर्ट में वकालत नहीं करते हैं लेकिन कभी-कभी पैरवी के लिये आ जाते हैं. इसके बावजूद उन्हें पंजीकरण मिला हुआ है, जिसके चलते पूरा सिस्टम हाईजैक हो जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने भी वन बार-वन वोट के संबंध में दिशा-निर्देश दे रखे हैं. ऐसे में हाईकोर्ट बार चुनाव में वन बार-वन वोट का सख्तीसे पालन होना चाहिये. इसी पर सुनवाई करते हुए काउंसिल ने बीसीआर और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को नोटिस जारी करते हुए 18 नवंबर को होने वाले प्रस्तावित चुनाव पर रोक लगा दी है.

प्रत्याशियों ने दी हाईकोर्ट में चुनौती

एडवोकेट प्रहलाद शर्मा, महेन्द्र शांडिल्य, शांतनु शर्मा सहित करीब आधा दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं ने बार काउंसिल आफ इंडिया के आदेश को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी. अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अदालत को बताया कि राजनैतिक उद्देश्य के लिए बीसीआई ने राजस्थान हाईकोर्ट बार के चुनाव पर रोक लगाई है. याचिका में कहा गया कि बीसीआई के समक्ष यह मानने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि  बार एसोसिएशन वन बार वन वोट का पालन नहीं कर रहा है.

एक वोट प्रणाली के रूप में न तो मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया गया है और न ही प्रकाशित किया गया है और न ही किसी ऐसे उम्मीदवार के उम्मीदवार को अंतिम रूप दिया गया है, जिस पर अन्य बार एसोसिएशन में वोट देने का आरोप है या जिले में अन्य बार एसोसिएशन के चुनाव में किसी भी पद के लिए चुनाव लड़ा है। बीसीआई का यह कार्य बिल्कुल अधिकार क्षेत्र से बाहर और क्षमता से परे है. 

2013 के आदेश की जानकारी 

हाईकोर्ट के समक्ष यह भी रिकॉर्ड में रखा गया था कि साल 2013 में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने पूरे राजस्थान के बार एसोसिएशन के चुनावों को विनियमित करने के लिए बार एसोसिएशन नियम 2013 बनाए थे, जिसे भी राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने खारिज कर दिया और नियमों को रद्द कर दिया. बीसीआर के पास ऐसे नियमों को बनाने के लिए कानून के तहत निहित कोई योग्यता या अधिकार क्षेत्र नहीं था. 

सुनवाई के दौरान जस्टिस महेंद्र गोयल की सिंगल पीठ के ध्यान में यह भी लाया गया कि पहले भी बीसीआई ने राजस्थान बार काउंसिल के विभिन्न पदों के चुनाव में अवैध रूप से हस्तक्षेप किया था, जहां समन्वय पीठ ने उन मामलों में जारी बीसीआई अध्यक्ष के आदेशों पर रोक लगा दी थी. याचिवक्ताओं की ओर से पेश किए तर्क पर जस्टिस गोयल की एकलपीठ ने सहमति जताते हुए बीसीआई के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. 

बीसीआई करेगी अपील !

बहरहाल बीसीआई ने अपने क्षेत्राधिकार का प्रयोग करते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के चुनाव पर रोक लगाई थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने बीसीआई के आदेश पर रोक लगा दी है. इस आदेश के खिलाफ बीसीआई की ओर से अपील की जाएगी या नहीं, इसे लेकर जी मीडिया से बीसीआई चैयरमेन मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि परिषद शीघ्र ही इस मामले में फैसला करेगी. 

वही इस मामले में बीसीआई के समक्ष याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता सुमेरसिंह ओला ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले की प्रति मिलने के बाद खण्डपीठ के समक्ष अपील दायर करने की बात कही है. अधिवक्ता ओला के अनुसार एकलपीठ के आदेश से यह चीजें साप नही हो रही है कि वर्तमान में जब चुनाव हो जाऐंगे तब इस आदेश का क्या मतलब रहेगा.

इसे भी पढ़ें- सीजेआई बनने से पूर्व जस्टिस चंद्रचूड़ के खिलाफ सोशल मीडिया पर चल रही फेक न्यूज

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़