नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यहां की एक सत्र अदालत को धन शोधन के मामले में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को अन्य न्यायाधीश के पास स्थानांतरित करने के प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर 22 सितंबर को सुनवाई करने का निर्देश दिया.


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'जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई का हकदार है आरोपी'
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कोई भी आरोपी अपनी जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई का हकदार है. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने राउज एवेन्यू अदालत के प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश को सुनवाई के लिए याचिका पर विचार करने को कहा. पीठ में न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरिसम्हा भी शामिल थे.


उन्होंने कहा, 'हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि याचिका स्थानांतरण के फैसले से असंतुष्ट कोई भी पक्ष कानून के मुताबिक उचित उपायों का अनुरोध कर सकता है. जमानत की सुनवाई का मंच जिला न्यायाधीश के फैसले पर निर्भर करेगा.'


कपिल सिब्बल ने की तत्काल सुनवाई का की अपील
सत्येंद्र जैन की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया. सिब्बल ने कहा कि सात सुनवाई हो चुकी है और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू को 15 सितंबर को आने के लिए कहा गया था.


उन्होंने कहा कि लेकिन एएसजी ने मामले को स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुए एक आवेदन दिया. राजू ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता इससे परेशान हैं तो वह उच्च न्यायालय जा सकते हैं.


प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता ने 19 सितंबर को विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल के समक्ष जमानत पर सुनवाई की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और मामले में जैन और अन्य सह-आरोपियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक आवेदन पर नोटिस जारी किया था जिसमें मामला दूसरे न्यायाधीश को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया था.


ईडी ने मामले में कोर्ट से किया ये अनुरोध
न्यायाधीश ने प्रतिवादियों को 30 सितंबर तक ईडी की याचिका पर अपना जवाब दायर करने का निर्देश दिया था. ईडी ने मामले को गोयल से किसी अन्य न्यायाधीश के पास भेजने का अनुरोध किया है. अपनी याचिका में, एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश द्वारा सुनवाई की जा रही जमानत दलीलों को लेकर कुछ आपत्ति की.


विशेष न्यायाधीश गोयल ने जैन और सह-आरोपियों अंकुश जैन एवं वैभव जैन की जमानत याचिकाओं पर लंबी दलीलों की सुनवाई करते हुए ईडी की जांच को लेकर एजेंसी की खिंचाई की थी. तीनों आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में हैं.


ईडी ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत 2017 में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता के खिलाफ दर्ज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी के आधार पर जैन एवं अन्य दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जैन पर उनसे संबद्ध चार कंपनियों के जरिए धन शोधन करने का आरोप है.


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