बेंगलुरु. कर्नाटक में तीन और डिप्टी CM की मांग के बीच मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि इस पर कांग्रेस टॉप लीडरशिप का फैसला अंतिम है. बता दें कि कर्नाटक के कुछ मंत्री वीरशैव-लिंगायत, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं को डिप्टी सीएम पद दिए जाने की वकालत कर रहे हैं. इस समय सरकार में डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम हैं. शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से हैं.


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मीडिया से बातचीत में सिद्धरमैया ने कहा है- टॉप लीडरशिप जो भी फैसला लेती है, वह अंतिम है.' दरअसल कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर एक वर्ग का मानना ​​है कि तीन और डिप्टी CM बनाये जाने की मांग संबंधी मंत्रियों के बयान सिद्धरमैया खेमे की (खास) योजना का हिस्सा है और उसका मकसद शिवकुमार को काबू में रखना है. राज्य में इस तरह की राजनीतिक चर्चाएं भी हैं कि शिवकुमार सरकार के ढाई साल के कार्यकाल के बाद मुख्यमंत्री पद की मांग कर सकते हैं.


इन नेताओं ने की डिप्टी सीएम की मांग
राज्य सरकार में सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना, आवास मंत्री बी जेड ज़मीर अहमद खान, लोक निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली और कुछ दूसरे नेताओं ने सप्ताह की शुरुआत में एक बार फिर तीन और डिप्टी CM की मांग की थी. इन सभी नेताओं को सीएम सिद्धरमैया गुट का माना जाता है.


नाराज हुए शिवकुमार
दरअसल साल 2023 के विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड सफलता के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए शिवकुमार और सिद्धरमैया के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर कांग्रेस ने फैसला किया था कि शिवकुमार ‘एकमात्र’ उपमुख्यमंत्री होंगे. अब तीन डिप्टी सीएम की मांग पर शिवकुमार ने नाराजगी जाहिर की है. मंत्रियों की मांग पर नाराजगी जाहिर करते हुए शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि पार्टी इसका उचित जवाब देगी. शिवकुमार कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी हैं. शिवकुमार ने कहा,-अगर कोई कुछ कहता है तो आपलोग (मीडिया) उसे खबर बना देते हैं. कोई कुछ भी मांग करे पार्टी उसका उचित जवाब देगी.


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