नई दिल्ली. जेएनयू हिंसा में कल आइशी घोष समेत नौ लोगों के हाथ रंगे होने की जानकारी सामने आई थी. दिल्ली पुलिस ने इन नौ लोगों के अलावा 37 और ऐसे लोगों की पहचान की है जो इस विश्वविद्यालय में हुई छात्र हिंसा में शामिल हो सकते हैं.



'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' नामक व्हाट्सअप ग्रुप है ये  


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'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' नाम से पाया गया एक व्हाट्सअप ग्रुप इस नयी खोज का आधार माना जा रहा है. इस व्हाट्सअप ग्रुप में शामिल लोग भी हिंसा के हिस्सेदार माने जा रहे हैं. जबकि कल ही दिल्ली पुलिस ने प्रेस वार्ता करके जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की हिंसा के मामले में आइशी घोष सहित 9 लोगों के चेहरे बेनकाब किये थे.


पुलिस की इन्वेस्टिगेशन की नई कामयाबी


दिल्ली पुलिस जेएनयू हिंसा की जांच में दिन-रात एक कर रही है. कल इस हिंसा के 9 मुख्य जिम्मेदार चेहरों को पुलिस ने बेनकाब किया है और अपनी एफआईआर में अभियुक्त बनाया है जिसमें जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल है. दिल्ली पुलिस के इस जांच दल ने आज एक और कामयाबी पाई है और एक व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से 37 लोगों की पहचान की है.



पहले आइशी घोष ने एबीवीपी पर आरोप लगाया था


जेएनयू हिंसा के बाद छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने सहानुभूति जीतने के लिए पट्टियों वाले चेहरे के साथ मीडिया के सामने आ कर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर इस हमले का आरोप चस्पा कर दिया था. लेकिन कल दिल्ली पुलिस ने खुद आइशी को ही उनके आठ साथियों समेत बेनकाब कर दिया और जेएनयू हिंसा मामले के मुख्य आरोपी के तौर पर नामजद किया है. हालांकि यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट नामक इस तथाकथित व्हाट्सअप ग्रुप से संबंधित अभी अधिक जानकारियां नहीं मिल सकी हैं लेकिन दिल्ली पुलिस की जांच जारी है.


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