नई दिल्ली: भारत के इतिहास में 25 जून की तारीख हमेशा के लिए दर्ज रहेगी. देश में आज से 46 साल पहले 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी. आइए जानते हैं भारतीय इतिहास में दर्ज इस काल से जुडी कुछ बड़ी बातें:
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक 21 महीने के लिए आपातकाल लगाया था.
भारतीय इतिहास में आपातकाल को बड़े ही विवादास्पद काल के रूप में याद किया जाता है, क्योंकि इस दौरान देश में चुनाव स्थगित कर दिए गए थे.
तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर देश में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल की घोषणा की थी.
देश के इतिहास में वह दौर इसलिए भी चर्चित रहा, क्योंकि उस काल में जो भी शख्स तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ आवाज उठाता था. उसे जेल में बंद कर दिया जाता था.
तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद 25 जून, 1975 की आधी रात को आपातकाल के ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर किए थे. इसके बाद अगले दिन 26 जून की सुबह 6 बजे इंदिरा गांधी ने कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाई थी. इस बैठक में सभी के सामने आपातकाल के घोषणा-पत्र को पढ़कर सुनाया गया.
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देश के लोकप्रिय नेताओं में शुमार जयप्रकाश नारायण को आपातकाल लगने के बाद 26 जून की रात डेढ़ बजे गिरफ्तार कर लिया गया था. उनके साथ कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, जो प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नीतियों का विरोध कर रहे थे.
देश में ऑल इंडिया रेडियो के जरिए आम जनता तक देश में आपातकाल का संदेश पहुंचाया गया था. इस काल में देशभर में मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट यानी मीसा के तहत हजारों लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था.
देश में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत उस स्थिति में आपातकाल लगाए जाने की व्यवस्था की गई है, जब देश किसी तरह के बाहरी आक्रमण, इंटरनल डिस्टर्बेंस या सशस्त्र संघर्ष का सामना कर रहा हो.
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