नई दिल्ली/प्रयागराज. इंडियन एअरफोर्स रविवार को प्रयागराज में वार्षिक वायु सेना दिवस परेड में अपने नए ध्वज का अनावरण करेगी. इसे पहले नौसेना ने अपने ध्वज में बदलाव किया था. रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ग्रुप कैप्टन समीर गंगाखेडकर ने बताया कि वायु सेना दिवस के अवसर पर परेड ग्राउंड पर वायुसेना प्रमुख वी.आर. चौधरी नए वायुसेना ध्वज का अनावरण करेंगे. वायु सेना अपनी स्थापना के 91वें वर्ष पूरी कर रही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस मौके पर संगम क्षेत्र में रविवार को एयर शो का भव्य आयोजन किया जाएगा. जिसमें चिनूक, चेतक, जगुआर, अपाचे, राफेल समेत कई विमान ने आपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे. आठ अक्टूबर भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज किया जाएगा. यह एक ऐतिहासिक दिन है जब वायुसेना को अपना नया ध्वज मिलेगा. 


कैसा होगा नया ध्वज
नए ध्वज में सबसे ऊपर दाएं कोने में भारतीय वायुसेना का चिह्न है. 8 अक्टूबर, 1932 को वायुसेना की स्थापना हुई थी. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसकी पेशेवर दक्षता और उपलब्धियों को देखते हुए, मार्च 1945 में बल को 'रॉयल' उपसर्ग से सम्मानित किया गया था. इसलिए, यह रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) बन गई थी. साल 1950 में, भारत के गणतंत्र बनने के बाद वायुसेना ने अपना 'रॉयल' उपसर्ग हटा दिया था और ध्वज में संशोधन किया था. 


पहले कैसा था, ध्वज?
पहले रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) ध्वज में ऊपरी बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड (बाहरी हिस्से) पर आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) था. 


आजादी के बाद क्या बदला?
स्वतंत्रता के बाद, नीचे दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय तिरंगे और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ 'ट्राई कलर राउंडेल' के साथ प्रतिस्थापित करके भारतीय वायु सेना का ध्वज बनाया गया था.' 


कैंटन एक आयताकार प्रतीक है जो झंडे के ऊपर बाईं ओर बनाया जाता है, जो आमतौर पर झंडे के एक चौथाई हिस्से में होता है. किसी झंडे का कैंटन अपने आप में एक झंडा हो सकता है. 


अब 'एनसाइन' के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न और उसके नीचे देवनागरी में 'सत्यमेव जयते' लिखा है. 


अशोक चिह्न के नीचे एक हिमालयी गरुड़ है जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के युद्ध के गुणों को दर्शाता है. हल्के नीले रंग का एक सर्किल हिमालयी गरुड़ को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है 'भारतीय वायु सेना'. 


भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य 'नभः स्पृशं दीप्तम्' हिमालयी गरुड़ के नीचे देवनागरी के सुनहरे अक्षरों में अंकित है जिसे भगवद गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है 'वैभव के साथ आकाश को छूना'.


यह भी पढ़िएः Delhi में कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक आज, इस राज्य के 80 Candidates पर लग सकती है मुहर


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.