नई दिल्ली: भारत की संप्रभुता पर जो भी तिरछी नजर करेगा उसको उसी की भाषा में जवाब देने के लिये भारतीय सेना तत्पर है. भारतीय सीमा पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने की साजिश कर रहे चीन को कड़ा सबक सिखाने का समय आ गया है. आज स्वदेशी विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन वायुसेना में शामिल हो गई. इस स्क्वाड्रन का नाम फ्लाइंग बुलेट्स दिया गया है, जिसकी शुरुआत वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल RKS भदौरिया ने की. खुद वायुसेना प्रमुख ने कोयंबटूर के सुलूर एयरबेस से तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी.
2016 में वायुसेना से जुड़ा था तेजस
आपको बता दें कि वायुसेना ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को HAL से खरीदा है. नवंबर 2016 में वायुसेना ने 50,025 करोड़ रुपए में 83 तेजस मार्क-1ए की खरीदी को मंजूरी दी थी. इस डील पर अंतिम समझौता करीब 40 हजार करोड़ रुपए में हुआ है यानी पिछली कीमत से करीब 10 हजार करो़ड़ रुपए कम है.
वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने आज सुबह #LCA तेजस लड़ाकू विमान में वायुसेना स्टेशन सुलूर में उड़ान भरी। वायु सेना प्रमुख आज #मेक_इन_इंडिया तेजस के वायु सेना में दूसरे स्क्वाड्रन #18स्क्वाड्रन के पूर्ण संचालन हेतु वायु सेना स्टेशन, सुलुर की यात्रा पर है। pic.twitter.com/3raab6v8VH
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 27, 2020
एयरफोर्स की 18वीं स्क्वाड्रन अब हल्के लड़ाकू विमान तेजस से लैस होगी. तेजस विमान उड़ाने वाली एयरफोर्स की यह दूसरी स्क्वाड्रन होगी. इससे पहले 45 वीं स्क्वाड्रन ऐसा कर चुकी है.
1965 में हुई थी एयरफोर्स स्क्वाड्रन की शुरुआत
उल्लेखनीय है कि एयरफोर्स स्क्वाड्रन 18 की शुरुआत 1965 को आदर्श वाक्य 'तीव्र और निर्भय' के साथ हुई थी. यह स्क्वाड्रन 15 अप्रैल 2016 से पहले मिग 27 विमान उड़ा रही थी. स्क्वाड्रन को इस साल 1 अप्रैल को सुलूर में फिर से शुरू किया गया था. आपको बता दें कि तेजस लड़ाकू विमान एक चौथी पीढ़ी का हल्का विमान है. इसकी तुलना अपने जेनरेशन के सभी फाइटर जेट्स में सबसे हल्के विमान के तौर पर होती है.
IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria will operationalise No. 18 Squadron ‘Flying Bullets’ of the Indian Air Force at the Sulur airbase, today. The Squadron will be equipped with LCA Tejas FOC Aircraft and will be the second IAF squadron to fly LCA Tejas.#TamilNadu pic.twitter.com/1wsqFDlh6j
— ANI (@ANI) May 27, 2020
वायुसेना के लिये बहुत जरूरी है ये लड़ाकू विमान
आपको बता दें कि वायुसेना स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही थी. अब वायुसेना को इस साल 36 राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप फ्रांस से मिलने जा रही है जो सभी सैनिकों के जज्बे, हुनर, जोश और जुनून को बढ़ाएंगे. लड़ाकू विमान तेजस की नई स्क्वाड्रन का वायुसेना में शामिल होना देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है.