चीन से तनातनी के बीच वायुसेना में शामिल हुआ 'तेजस' का दूसरा स्क्वाड्रन

भारत और चीन में जारी तनाव के बीच वायुसेना को मजबूती देने वाला कदम रक्षा मंत्रालय ने उठाया है. लड़ाकू विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन में वायुसेना प्रमुख ने उड़ान भरी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 27, 2020, 12:52 PM IST
    • वायुसेना के लिये बहुत जरूरी है ये लड़ाकू विमान
    • 1965 में हुई थी एयरफोर्स स्क्वाड्रन की शुरुआत
    • 2016 में वायुसेना से जुड़ा था तेजस
चीन से तनातनी के बीच वायुसेना में शामिल हुआ 'तेजस' का दूसरा स्क्वाड्रन

नई दिल्ली: भारत की संप्रभुता पर जो भी तिरछी नजर करेगा उसको उसी की भाषा में जवाब देने के लिये भारतीय सेना तत्पर है. भारतीय सीमा पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने की साजिश कर रहे चीन को कड़ा सबक सिखाने का समय आ गया है.  आज स्वदेशी विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन वायुसेना में शामिल हो गई. इस स्क्वाड्रन का नाम फ्लाइंग बुलेट्स दिया गया है, जिसकी शुरुआत वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल RKS भदौरिया ने की. खुद वायुसेना प्रमुख ने कोयंबटूर के सुलूर एयरबेस से तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी.

2016 में वायुसेना से जुड़ा था तेजस

आपको बता दें कि वायुसेना ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को HAL से खरीदा है. नवंबर 2016 में वायुसेना ने 50,025 करोड़ रुपए में 83 तेजस मार्क-1ए की खरीदी को मंजूरी दी थी. इस डील पर अंतिम समझौता करीब 40 हजार करोड़ रुपए में हुआ है  यानी पिछली कीमत से करीब 10 हजार करो़ड़ रुपए कम है.

एयरफोर्स की 18वीं स्क्वाड्रन अब हल्के लड़ाकू विमान तेजस से लैस होगी. तेजस विमान उड़ाने वाली एयरफोर्स की यह दूसरी स्क्वाड्रन होगी. इससे पहले 45 वीं स्‍क्वाड्रन ऐसा कर चुकी है.

1965 में हुई थी एयरफोर्स स्क्वाड्रन की शुरुआत

उल्लेखनीय है कि एयरफोर्स स्क्वाड्रन 18 की शुरुआत 1965 को आदर्श वाक्य 'तीव्र और निर्भय' के साथ हुई थी. यह स्क्वाड्रन 15 अप्रैल 2016 से पहले मिग 27 विमान उड़ा रही थी. स्क्वाड्रन को इस साल 1 अप्रैल को सुलूर में फिर से शुरू किया गया था. आपको बता दें कि  तेजस  लड़ाकू विमान एक चौथी पीढ़ी का हल्का विमान है. इसकी तुलना अपने जेनरेशन के सभी फाइटर जेट्स में सबसे हल्के विमान के तौर पर होती है.

वायुसेना के लिये बहुत जरूरी है ये लड़ाकू विमान

आपको बता दें कि वायुसेना स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही थी. अब वायुसेना को इस साल 36 राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप फ्रांस से मिलने जा रही है जो सभी सैनिकों के जज्बे, हुनर, जोश और जुनून को बढ़ाएंगे. लड़ाकू विमान तेजस की नई स्क्वाड्रन का वायुसेना में शामिल होना देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है.

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