क्या इस बार चीन को सबक सिखा कर रहेंगे पीएम मोदी, ट्रंप ने किया इशारा
सीमा पर चीन की गुस्ताखियां बढ़ती जा रही हैं. कभी डोकलाम कभी सिक्किम तो कभी लद्दाख. लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगता है इस बार चीन को फाइनली सबक सिखा देेने की ठान ली है. ये बात बेहद गंभीर हो सकती है. क्योंकि दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये इशारा किया है. हालांकि भारत सरकार ने ट्रंप और मोदी के बीच किसी भी बातचीत से इनकार किया है.
नई दिल्ली: भारत की अखंडता और संप्रभुता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर क्षण पूर्ण निष्ठा के साथ जुटे रहते हैं. मां भारती के गौरव और उनकी प्रतिष्ठा में किसी भी प्रकार की कमी या ह्रास पीएम मोदी को पसंद नहीं है. इन दिनों चीन के दुस्साहस और चालबाजी को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अच्छे मूड में नहीं हैं और वे जल्द चीन को कड़ा सबक सिखाने वाले हैं. ये इशारा किसी सामान्य व्यक्ति ने नहीं किया बल्कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया है. चीन के कुकृत्य की सजा देने का समय अब सन्निकट है.
जानिए, डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन के बीच बड़ा संघर्ष चल रहा है, 1.4 बिलियन आबादी वाले 2 बड़े देश जिनकी सैन्य ताकत बेहद मजबूत है. भारत और शायद चीन भी खुश नहीं है. उन्होंने आगे कहा, 'मैं आपको बता सकता हूं कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की है, लेकिन चीन के साथ अभी जो विवाद बना हुआ है, उसको लेकर वह अच्छे मूड में नहीं हैं.'
डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ भी की
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रभक्ति की भी सराहना की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा कि वे बहुत सज्जन और सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं लेकिन देश की बात आने पर वे कुछ भी नहीं सुनते. सर्वविदित है कि पहले भी डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी की देशभक्ति की प्रशंसा कर चुके हैं. भारत यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि जब पीएम मोदी द्विपक्षीय मुद्दों पर बात करते हैं तो वे भारत के लाभ और उसकी प्रतिष्ठा के आगे कुछ नहीं नहीं सुनते, पीएम मोदी भारत को हर स्थिति में सर्वोच्च स्थान पर रखते हैं.
मध्यस्थता करने की पहल कर चुके हैं डोनाल्ड ट्रंप
आपको बता दें कि भारत के साथ चीन के द्वारा उत्पन्न किये गए सीमा विवाद पर राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को मध्यस्थता की पेशकश की थी. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तब कहा था कि अमेरिका, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए तैयार है. हालांकि भारत डोनाल्ड ट्रंप का प्रस्ताव खारिज कर चुका है. इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार चीन को किसी भी हाल में छोड़ने के मूड में नहीं है.
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डोनाल्ड ट्रंप का ये बयान अहम
भारत की ओर से विदेश मंत्रालय ने कहा था कि किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है. शांति से मुद्दे को सुलझाने के लिए हम चीन के संपर्क में हैं. आपको बता दें कि डोकलाम, सिक्किम विवाद, अरुणांचल प्रदेश की सीमा पर हस्तक्षेप जैसे कई ऐसे अपराध चीन कर चुका है जिसका कड़ा सबक सिखाने का समय आ गया है. मौजूदा समय में डोनाल्ड ट्रंप का ये बयान बहुत महत्व रखता है.
लेकिन भारत सरकार ने ट्रंप और मोदी के बीच हाल फिलहाल में किसी तरह की बातचीत से इनकार किया है. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हाल में कोई बातचीत नहीं हुई है. यह स्पष्टीकरण तब आया है जब ट्रम्प ने वाशिंगटन में कहा कि उन्होंने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे भारत के सीमा विवाद को लेकर मोदी से बात की है.