नई दिल्लीः गुजरात उच्च न्यायालय ने 2013 के बलात्कार मामले में आसाराम की पत्नी, बेटी और तीन महिला शिष्यों को नोटिस जारी किए. इस मामले में इन महिलाओं को बरी कर दिया गया था, जबकि आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. न्यायमूर्ति ए वाई कोगजे और न्यायमूर्ति हसमुख सुथार की खंडपीठ ने आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन और बेटी भारतीबेन समेत पांच महिलाओं को नोटिस जारी किए.


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जानिए क्या है पूरा मामला
गांधीनगर की एक अदालत ने 2013 में एक पूर्व महिला अनुयायी द्वारा दायर बलात्कार मामले में 31 जनवरी को आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अहमदाबाद के पास मोटेरा में आसाराम के आश्रम में 2001 से 2007 के बीच महिला से कई बार बलात्कार किया गया था. आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, बेटी भारती और चार अनुयायियों पर अपराध में सहायता करने और उकसाने का आरोप था. अदालत ने सबूत के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था. 


राज्य के विधि विभाग ने छह मई 2023 को अभियोजन पक्ष को उनके बरी होने के खिलाफ अपील दायर करने का निर्देश दिया था. बरी किए गए छह में से पांच लोगों के खिलाफ अपील दायर की गई है. आसाराम (81) 2013 में राजस्थान में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के एक अन्य मामले में जोधपुर की जेल में बंद है. 


जानिए कौन है आसाराम
गांधीनगर कोर्ट ने दो बहनों से रेप के मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. रेप के एक अन्य मामले में वह पहले ही जोधपुर में उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं.  आसाराम को अगस्त 2013 में इंदौर से गिरफ्तार किया गया था.


17 अप्रैल 1942 को बरानी गांव, नवाबशाह (आजकल पाकिस्तान में) में पेशे से व्यापारी थिउमल सिरुमलानी और मेंहगी बा के घर उनका जन्म हुआ. नाम रखा गया आसुमल. बंटवारे में आसुमल का परिवार भी भारत आ गया.


ये परिवार अहमदाबाद के पास मणिनगर आ बसा, लेकिन आसुमल के पिता का जल्दी ही निधन हो गया. तब बचपन में ही परिवार की जिम्मेदारी आसुमल पर आ गई. आसुमल मेहसाणा के वीजापुर चले आए जो उस वक्त बृहद मुंबई हुआ करता था. गुजरात भी इसी राज्य का हिस्सा था. ये 1958-59 की बात होगी.


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