नई दिल्ली: Arvind Kejriwal Resignation: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा सियासी दांव खेला है. उन्होंने इस्तीफा देना का ऐलान कर दिया है. वे अपनी जगह किसी दूसरे नेता को CM बनाने वाले हैं. केजरीवाल ने नवंबर में ही दिल्ली के चुनाव कराने की मांग की है. कथित शराब नीति घोटाला मामले में केजरीवाल की छवि को बड़ा डेंट पहुंचा, उनकी 'आम आदमी' वाली पर्सनैलिटी पर से लोगों का भरोसा उठने लगा था. लेकिन इसे फिर से स्थापित करने के लिए केजरीवाल ने इस्तीफे की पेशकश की है.


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केजरीवाल की नायक जैसी छवि थी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जब पॉलिटिक्स में एंट्री की थी, तब उनकी छवि 'नायक' के अनिल कपूर से जोड़ी जाती थी. आम लोगों से लेकर मीडिया ने भी उन्हें 'पॉलिटिक्स का नायक' बताया था. जिस तरह नायक फिल्म में अनिल कपूर एक आम आदमी की छवि के साथ मुख्यमंत्री बनते हैं, ठीक उसी तरह अरविंद केजरीवाल भी दिल्ली के CM बने. वे हवाई चप्पल, मफलर और हाफ स्लीव्ज का शर्ट पहनते थे. जबकि बाकी प्रदेशों के CM सफेद कपड़ों में नजर आते थे. केजरीवाल ने लोगों के घरों में जाकर उनका बिजली का तार पोल से जोड़ा, जैसे अनिल कपूर नायक में लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानियां दूर करते थे. अनिल कपूर एक दिन के CM बने और केजरीवाल पहले कार्यकाल में 49 दिन CM रहे. फिल्म में एक दिन के CM के तौर पर लोगों ने अनिल कपूर का काम देखा और फिर CM बनाया. इसी तरह से केजरीवाल का काम देखकर लोगों ने फिर उन्हें पूर्ण बहुमत के साथ मुख्यमंत्री चुना.


नायक पार्ट- 2 खुद लिखेंगे केजरीवाल
नायक मूवी तो एस. शंकर ने लिखी, इसे सबने देखा भी. अरविंद केजरीवाल 'आम आदमी' के CM कहे गए, जैसे नायक में अनिल कपूर थे. इतनी कहानी तो सबको पता है. लेकिन आगे की स्टोरी केजरीवाल खुद लिखेंगे. इस्तीफे से वे एक बार फिर अपनी पुरानी छवि को कैसे पेश करेंगे, उस पर जनता मुहर लगाएगी या नहीं? ये देखना होगा.


केजरीवाल ने क्यों दिया इस्तीफा? 
अरविंद केजरीवाल खुद को फिर से 'ईमानदार नेता' के रूप में स्थापित करना चाहते हैं. उन्होंने अपने भाषण में कहा है कि मुझे तभी वोट देना जब मैं आपको ईमानदार नजर आऊं, वरना मत देना. अब केजरीवाल चाहते हैं कि कि जैसी छवि उनकी 2013-14 में थी, वे राजनीति में बेदाग चेहरा हुआ करते थे, वही छवि फिर से बन जाए. केजरीवाल जेल गए, भाजपा ने कहा कि वे जेल जाने पर भी CM पद से इस्तीफा नहीं दे रहे, उन्हें कुर्सी का लोभ है. अब इस्तीफा देकर केजरीवाल इस आरोप से भी मुक्ति चाह रहे हैं, वे दिखाना चाह रहे हैं कि वे कुर्सी के लालची नहीं हैं.


केजरीवाल नवंबर में क्यों चाह रहे चुनाव?
अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि महाराष्ट्र के साथ ही दिल्ली के चुनाव हों. इससे वे एक तीर से तीन निशाने साधना चाहते हैं. पहला ये कि महाराष्ट्र के साथ दिल्ली के चुनाव होंगे तो AAP को फायदा हो सकता है, क्योंकि कई लोकल सर्वे महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की स्थिति ठीक नहीं बता रहे हैं. दूसरा, उनका मानना है कि भाजपा महाराष्ट्र और दिल्ली का चुनाव हार जाएगी तो कमजोर पड़ सकती है. केजरीवाल का तीसरा निशाना खुद की स्थिति को और मजबूत करना है. वे फिर से दिल्ली में चुनाव जीतते हैं तो INDIA गठबंधन में उनकी स्थिति मजबूत होगी, सियासी भविष्य के लिए और भी संभावनाएं खुल सकती हैं.


 
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