नई दिल्लीः आयशा मकरानी, अहमदाबाद के वटावा इलाके में रहने वाली यह विवाहिता अब दुनिया में नहीं है. लेकिन अपने पीछे सुर्खियों और चर्चाओं का दौर छोड़ कर चली गई है. जिसके बारे में सब बात कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर आयशा नाम से कैंपेन चल रहे हैं.


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काश! बातचीत का यह सिलसिला सबने 25 फरवरी के उस मनहूस दिन से जरा भी पहले शुरू कर लिया होता तो हंसती-खिलखिलाती आयशा आत्महत्या का वीडियो नहीं बनाती, बल्कि हंसते हुए इसी जमाने में रहती. 


कौन थी आयशा?
आयशा 23 साल की विवाहिता, मूल रूप से राजस्थान के जालौर की रहने वाली थी. पेशे से टेलर लियाकत मकरानी और हरमत बीबी उसके मां-बाप हैं. परिवार रोजगार के सिलसिले में बहुत पहले अहमदाबाद आया और यहां के वाटवा में रहने लगा.



चार बच्चों में दो बहनें और दो बेटे थे. बड़ा बेटा मैकेनिक है. बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है. वह अहमदाबाद में ही अपने परिवार में है. 


आयशा पढ़ना चाहती थी
लियाकत मकरानी अपने बेड़े बेटे को नहीं पढ़ा सके, लेकिन बाकी बच्चों ने पढ़ाई की. इनमें भी आयशा पर पढ़ाई का जुनून था, वह पढ़ने में भी अच्छी थी. परिवार इस बात फख्र करता था कि आयशा उनके बीच की पहली ग्रेजुएट है. वह आगे भी पढ़ना चाहती थी और इसलिए एमए की पढ़ाई भी शुरू कर दी थी. 


आयशा की शादी कब हुई?
आयशा पढ़ रही थी. इस बीच परिवार शादी की भी चिंता कर रहा था. एमए की पढ़ाई के दौरान ही जालौर से आयशा के लिए रिश्ता आया. यह रिश्ता बाबू खान ने अपने बेटे आरिफ खान के लिए भिजवाया था. अच्छा रिश्ता समझकर और संपन्न परिवार देखकर आरिफ खान से आयशा की शादी कर दी गई. तकरीबन ढाई साल पहले आयशा की शादी आरिफ से हो गई. 


कैसा था आरिफ का परिवार?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आरिफ का परिवार साधन संपन्न है. रिश्ता भी आरिफ के परिवार की ओर से ही आया था. आरिफ जालौर की ग्रेनाइट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में मैनेजर पद पर था. इसके अलावा ग्रेनाइट बेचने का उनका अपना कारोबार भी था.



आरिफ की मासिक कमाई 60 हजार रुपये थी. उसने आयशा की पढ़ाई जारी रखने का वादा भी किया था. 


आरिफ और उसके परिवार पर आरोप
आरिफ और उसके परिवार पर आयशा के मां-बाप ने आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि शादी में अपनी हैसियत से बढ़कर दहेज दिया था. इस चक्कर में छोटे बेटे को भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी. आयशा के गहने आरिफ की मां और ननद ने रख लिए.



आरिफ के कहने पर आयशा ने पढ़ाई भी छोड़ दी. वह तब गर्भवती थी, लेकिन परिवार ने उसी देखभाल नहीं की. आयशा पर मानसिक तनाव छाने लगा. 


आरिफ के परिवार के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस
21 अगस्त, 2020 को वातवा पुलिस स्टेशन में घरेलू हिंसा की एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. पुलिस शिकायत के मुताबिक आरिफ खान, उनके पिता बाबू खान गफूर खान, मां सायरा बानू और बहन खुशबू को आरोपी बनाया गया है. अहमदाबाद की घीकांटा मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में भी घरेलू हिंसा का मामला दर्ज है. 


दस लाख रुपये मांगा दहेज!
आयशा के पिता का आरोप है कि आरिफ और उसके परिवार ने दस लाख रुपये दहेज मांगे. तब आयशा गर्भवती हुई थी. उसके सास ससुर ने रुपये लाने को कहा था. 'हम लोगों ने उनसे कहा कि हमारे पास दस लाख रुपये नहीं है तो वे आयशा को हमारे घर पर छोड़ गए थे.'


ऐसे हुआ आयशा का गर्भपात
बकौल लियाकत- आरिफ का परिवार गाली-गलौज करने लगा. रोकनी कोशिश पर आरिफ ने गुस्से में आयशा के पेट में लात मार दी. उसने धमकाया था कि जब दस लाख का इंतजाम हो जाए तब आयशा को भेजना और वह राजस्थान चला गया. पेट पर चोट लगने से आयशा को दर्द उठा.



डॉक्टर ने कहा कि चोट से गर्भ में शिशु की मौत हो गई है. आयशा का गर्भपात कराना पड़ा."


रिश्तेदारी में हुई सुलह, बात नहीं बनीं
इस तरह बात बिगड़ने पर रिश्तेदारी में सुलह हुई. किसी तरह आरिफ़ को माना और आयशा को अपने साथ भेजा. आयशा के परिवार वालों ने आरिफ के परिवार वालों को इस दौरान डेढ़ लाख रुपये भी दिए. इसके पहले मामला पुलिस में भी गया था. पीड़ित परिवार सोच रहा था कि आरिफ पुलिस से डरेगा, लेकिन वह इससे और नाराज हुआ. आरिफ के परिवार ने फिर से पैसे की रट लगा दी. मकरानी परिवार ने बेटी की शादी बचाने के लिए डेढ़ लाख रुपये उधार लेकर आयशा के सास-ससुर को दिए.


आरिफ बहाने बनाता रहा
आरिफ कोरोना का बहाना और हवाला देकर आयशा को ले जाने से इनकार करता रहा. उसने हमलोगों को पुलिस शिकायत वापस लेने के लिए भी धमकाया. आयशा के लिए यह सब सहना मुनासिब नहीं था.


वह रोती रहती थी. वह पिता और दोनों भाइयों की परेशानी से भी परेशान रहती थी. वह खुद को इसका जिम्मेदार मानने लगी थी. वह घुटने लगी थी. आयशा थक गई थी. 


लेकिन, आयशा में हिम्मत बाकी थी
आयशा बस रोने वालों में से नहीं थी. उसने अपने पिता और भाई की परेशानी दूर करने की ठानी. तीन महीने पहले ही उसने निजी बैंक में काम करना शुरू कर दिया था. वह हर सुबह साढ़े नौ बजे बैंक पहुंच जाती थी. इसके लिए वह घर से जल्दी निकलती थी.


इसके अलावा वह कई बार आरिफ से बात करने की कोशिश करती थी. आरिफ उसकी बात से सहमत नहीं होता था. दोनों में झगड़ा होता रहता था.


यह भी पढ़िएः देखिए आयशा मकरानी का वह वीडियो, जिसमें उसने हंसते-हंसते चुन ली मौत


आरिफ ने आयशा को आत्म हत्या के लिए उकसाया?
आयशा की मां की मानें तो 25 फरवरी की रात दोनों में एक बार फिर झगड़ा हुआ था. पुलिस की मानें तो आयशा के फोन से 70 मिनट की एक कॉल रिकॉर्डिंग भी मिली है. इसके मुताबिक आयशा, आरिफ से कह रही है कि मर जाऊंगी और इसका वीडियो भी भेज दूंगी.



इस दौरान दोनों की जो बातचीत हुई, उसमें आरिफ आयशा को आत्महत्या को लिए उकसाता हुआ लग रहा है. आरिफ पर इसी आधार पर यह आरोप भी लगा है. 


आयशा की परिवार से आखिरी बातचीत
आयशा के पिता ने बताया कि वह रात में मरने की बात कर रही थी. उन्होंने तुरंत आयशा को फोन किया. आत्महत्या से पहले आखिरी बार बात करने के दौरान वह रोने लगी थी और कहने लगी मैं और ज्यादा किसी को परेशान नहीं करना चाहती. मेरी जिंदगी का कोई मतलब नहीं. मैं अहमदाबाद रिवर फ्रंट में कूद कर मैं आत्महत्या कर रही हूं.


अब आयशा नहीं है, दुनिया के लिए वीडियो छोड़ गई है...
इसके बाद आयशा साबरमती रिवर फ्रंट पहुंची. यहां उसने नदी की सुंदरता को दिखाया. वीडियो बनाते हुए चेहरे पर मुस्कान तैरती रही. फिर कहने लगी 'अगर वह मुझसे आजादी चाहता है तो उसे आजादी मिलनी चाहिए. मेरी जिंदगी यहीं तक है. मैं खुश हूं कि मैं अल्लाह से मिलूंगी. मैं उनसे पूछूंगी कि मैं कहां गलत थी? मुझे अच्छे मां-बाप मिले. अच्छे दोस्त मिले.



हो सकता है कि मेरे साथ या मेरी नियति में कुछ गलत रहा हो. मैं खुश हूं. मैं संतुष्टि के साथ गुडबॉय कह रही हूं. मैं अल्लाह से दुआ करूंगी कि मुझे फिर कभी इंसानों की शक्ल नहीं देखनी पड़े. इसके बाद आयशा चली गई.... आयशा अब नहीं है. 


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