अयोध्या का दीपोत्सव: राम मंदिर निर्माण के बाद पहली दिवाली, योगी मंत्रिमंडल के साथ पहुंचे
Ayodhya Diwali 2024: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों और अन्य लोगों के साथ दीपोत्सव की शुरुआत करते हुए पहले कुछ दीप जलाए, जो इस वर्ष 22 जनवरी को राम मंदिर के अभिषेक के बाद पहला दीपोत्सव है.
Chief Minister Yogi Adityanath: इस साल जनवरी में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या की 2024 में मनाई जा रही यह पहली दिवाली है. सरयू नदी के तट पर 25 लाख से ज़्यादा दीये जलाए गए. वैसे बुधवार को अयोध्या में आठवां 'दीपोत्सव' मनाया जा रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह की अगुआई की.
मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों और अन्य लोगों के साथ मिलकर दीपोत्सव की शुरुआत की. इस साल 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव है.
सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे शहर में लगभग 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें से आधे सादे कपड़ों में हैं.
अयोध्या में विशेष व्यवस्था में घाट संख्या 10 पर 80,000 दीये जलाए जाएंगे, जो शुभता का प्रतीक है और इस आयोजन का मुख्य आकर्षण है.
दीपोत्सव के नोडल अधिकारी संत शरण मिश्रा ने पुष्टि की कि तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, घाटों पर 5,000 से 6,000 मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था है.
चालीस जंबो एलईडी स्क्रीन उन लोगों के लिए लाइव कवरेज प्रसारित करेंगी जो इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे.
इस समारोह में छह देशों-म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी, साथ ही उत्तराखंड से रामलीला की प्रस्तुति भी होगी.
पर्यावरण के अनुकूल पहल के तहत पशुपालन विभाग 150,000 'गौ दीप' जलाएगा, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट किया जाएगा.
घाटों को सजाने में 30,000 से अधिक स्वयंसेवकों की मदद कर रहे हैं. घाटों को फूलों और रोशनी से सजाया जा रहा है.
राज्य सूचना विभाग ने कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की है, जिसमें दृश्यता सुनिश्चित करने के लिए पूरे अयोध्या में एलईडी वॉल्स और वैन लगाई गई हैं.
17 मार्गों को बंद किया गया
सुरक्षा उपायों के तहत राम की पैड़ी की ओर जाने वाले 17 मार्गों को बंद किया गया, जहां केवल पास धारकों को ही प्रवेश की अनुमति है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नायर ने मंदिर और आसपास के इलाकों की सुरक्षा के लिए एटीएस, एसटीएफ और सीआरपीएफ कमांडो की तैनाती सहित सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा के लिए बैठकें की हैं.
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