ओडिशा में बजरंग दल के सदस्यों पर हमला, मवेशियों को ले जा रही वैन का कर रहे थे पीछा
Bajrang Dal Members Attacked: मवेशियों की तस्करी कर बंगाल ले जा रहे एक समूह के साथ झड़प में बजरंग दल के कम से कम 10 सदस्य घायल हो गए हैं. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कटक के सालेपुर इलाके के बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मवेशियों को ले जा रही कम से कम तीन वैन का लगभग 200 किमी तक पीछा किया. हालांकि, उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी.
Bajrang Dal Members Attacked: ओडिशा के बालासोर जिले में गुरुवार सुबह मवेशियों की तस्करी कर बंगाल ले जा रहे एक समूह के साथ झड़प में बजरंग दल के कम से कम 10 सदस्य घायल हो गए हैं. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कटक के सालेपुर इलाके के बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मवेशियों को ले जा रही कम से कम तीन वैन का लगभग 200 किमी तक पीछा किया. हालांकि, उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी. फिर गुरुवार सुबह NH 60 पर बालासोर शहर के बाहरी इलाके फुलाडी इलाके में वैन को रोकने की कोशिश की गई, जिसके बाद झड़प हुई.
बालासोर सदर पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'जब बजरंग दल कार्यकर्ताओं और मवेशी ले जा रहे लोगों के बीच लड़ाई हुई, तो उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से मदद मांगी. अल्पसंख्यक समुदाय के स्थानीय ग्रामीण बांस की लाठियों और अन्य हथियारों से लैस होकर आए और बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया, जिसमें कम से कम 10 कार्यकर्ता घायल हो गए. बजरंग दल के तीन कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनके सिर पर चोटें आई हैं.'
जिन दो वाहनों में बजरंग दल के कार्यकर्ता पीछा कर रहे थे वह बुरी तरह तोड़ दिए गए थे. वहीं, इस पूरे मामले में बालासोर सदर थाने में मामला दर्ज कराया गया है.
ओडिशा में सामने आई कई घटना
बता दें कि राज्य भर में सैकड़ों मवेशियों से जुड़ी कई घटनाएं सामने आई. वहीं, सितंबर में गुस्साई भीड़ ने क्योंझर जिले में मवेशियों को ले जा रहे एक वाहन को इस संदेह में आग लगा दी कि इसका इस्तेमाल मवेशियों की तस्करी के लिए किया जा रहा था. उसी महीने, बालासोर जिले में स्थानीय लोगों ने कमरदा-बलियापाल रोड पर मवेशियों से लदी तीन वैनों को आग लगा दी थी, जब उन्होंने तीन वैनों में लगभग 100 मवेशियों को पश्चिम बंगाल ले जाने वाली तीन वैनों को रोक लिया था.
पिछले साल, ओडिशा CID ने एक हलफनामे में उड़ीसा उच्च न्यायालय को बताया था कि पिछले पांच वर्षों में जानवरों के प्रति क्रूरता की श्रेणी में आने वाली गायों के अवैध परिवहन के मामलों में बहुत अधिक वृद्धि हुई है. CID के हलफनामे में कहा गया है कि 2017 के बाद से गायों के अवैध परिवहन के मामलों में 217% की भारी वृद्धि हुई है.
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