नई दिल्ली. अप्रैल महीने का अंत आने के साथ ही प्रचंड गर्मी ने पूरे देश में कहर बरपाना शुरू कर दिया है. मौसम विभाग ने मंगलवार को 9 राज्यों में हीटवेव यानी लू के प्रकोप लेकर अलर्ट जारी किया है. तीन राज्यों में असाधारण रूप से बढ़ी गर्मी को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. ये राज्य हैं पश्चिम बंगाल, बिहार और आंध्र प्रदेश. हालांकि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल भी छा सकते हैं, ऐसे में इन राज्यों में कुछ राहत देखने को मिल सकती है. 


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सर्वाधिक गर्म रहा तेलंगाना का ये जिला
मौसम विभाग ने गर्मी से बचने के लिए कई तरह उपाय भी लोगों को सुझाए हैं. इनमें भरपूर पानी पीना, ओआरएस पीना और साथ ही कुछ अन्य उपाय भी सुझाए हैं. सोमवार को देश में सर्वाधिक गर्म जगह तेलंगाना का भुपालपल्ली जिला रहा. जिले में पारा 44.6 डिग्री तक पहुंचा. वहीं उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक तापमान (43.4 डिग्री) सुल्तानपुल जिले में रहा.  


बता दें कि यह ऑरेंज अलर्ट महाराष्ट्र में लू से 13 लोगों की मौत के बाद जारी किया गया है. दरअसल एक कार्यक्रम में पहुंचे लोग बुरी तरह गर्मी की चपेट में आ गए थे. इसे लेकर राज्य में सत्ताधारी बीजेपी को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है.


महाराष्ट्र की घटना के बाद ऑरेंज अलर्ट
विपक्षी आलोचना के बाद  महाराष्ट्र के मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि नवी मुंबई के खारघर में ‘महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार’ समारोह के लिए समय का सुझाव अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने दिया था. रविवार को इंटरनेशनल कॉरपोरेट पार्क में आयोजित पुरस्कार समारोह में लू लगने एवं स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याएं पेश आने के कारण 13 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. चिलचिलाती धूप में आयोजित कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग शामिल हुए थे. समारोह में धर्माधिकारी को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार प्रदान किया गया. भीषण गर्मी को नजरअंदाज करते हुए इतने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर राज्य सरकार की विपक्षी दलों के साथ-साथ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने भी आलोचना की है.


मंत्री ने दी है सफाई
एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से बात करते हुए मुनगंटीवार ने कहा,‘अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने हमें समय दिया था और उसी के अनुसार कार्यक्रम की योजना बनाई गई थी. हर चीज में राजनीति नहीं करनी चाहिए.’ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता अंबादास दानवे ने मुनगंटीवार के इस्तीफे की मांग की क्योंकि यह कार्यक्रम राज्य के सांस्कृतिक मामलों के विभाग द्वारा आयोजित किया गया था, जिसके मुनगंटीवार मंत्री हैं.


विधानपरिषद में विपक्ष के नेता दानवे ने कहा, 'आयोजकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए. इस आयोजन पर राज्य सरकार ने करीब 15 करोड़ रुपए खर्च किए. कार्यक्रम की खराब व्यवस्था के कारण मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. यह प्रदेश की साख पर धब्बा है.' 


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