Pathankot में 5वीं बरसी पर बड़ी साजिश
पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले की पांचवीं बरसी पर पाकिस्तान ने फिर बड़ी साजिश रची और आतंकी हमले का प्लान बनाया. लेकिन ये मंसूबा पूरा नहीं हो सका. आतंकियों ने अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए साजिश की सुरंग बनाई लेकिन साजिश को अंजाम देने का उनका ख्वाब पूरा नहीं हो पाया..
नई दिल्ली: पठानकोट सामरिक दृष्टि से भारत का सबसे महत्वपूर्ण ठिकाना है जहां एयरफोर्स और सेना के बड़े कैंप हैं. सीमा के करीब होने के नाते पठानकोट पाकिस्तान को बहुत अखरता है. बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा के बाद आतंकी घुसपैठ कराने में नाकाम पाकिस्तान अब सुरंग के जरिए पठानकोट में साजिश रच रहा है. पठानकोट पाकिस्तान के बॉर्डर से सिर्फ 30 किमी. दूर है यहां पर वायुसेना स्टेशन, गोला बारूद डिपो और दो बख्तरबंद ब्रिगेड हैं.
पठानकोट में साजिश का खुलासा
दरअसल, 4 साल पहले 2 जनवरी 2016 को भी बाजवा की आतंकी ब्रिगेड ने पठानकोट (Pathankot Attack) एयरबेस पर हमला किया था. जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को भेजकर मसूद अजहर (Masood Azhar) पठानकोट को तबाह करना चाहता था लेकिन सुरक्षा बलों ने उस हमले को भी नाकाम कर दिया था. 2016 में पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद फिलिम कम्पोज कमेटी बनाई गई थी जिसने एयरबेस कैंप की घेराबंदी में टूट की पहचान करने वाला तकनीकी सिस्टम लगाने की सलाह दी थी. कमेटी का जोर खुफिया व्यवस्था को भी मजबूत करने पर था.
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पठानकोट के रक्षा ठिकानों की सुरक्षा में लगे कर्मियों को अत्याधुनिक हथियार देने की सलाह भी दी गई थी साथ में सुरक्षा मजबूत करने के लिए 2000 करोड़ का बजट देने की सिफारिश की गई थी. रकार ने 1487.27 करोड़ रूपए का फंड जारी किया है ताकि पठानकोट की सुरक्षा को अभेद्य बनाया जा सके. पठानकोट में इस साल के अंत तक सुरक्षा को और कड़ी करने का फैसला लिया गया. इस काम पर सेना का मुख्यालय गहरी नजर रखेगा. अपाचे और राफेल (Rafale) का स्क्वाड्रन मिलने के बाद पठानकोट एयरबेस की सुरक्षा और सख्त करने का फैसला लिया गया है.
पठानकोट में राफेल का बेड़ा
पठानकोट में राफेल के आने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) की परेशानी और बढ़ गई है अगर पाकिस्तान कोई भी हरकत करता है तो राफेल चंद मिनटों में पाकिस्तान पर हमला कर सकता है. फ्रांस से आए 5 राफेल विमानों की पहली खेप भी पठानकोट एयरबेस पर ही तैनात है जो हवा से हवा और हवा से ज़मीन पर मार करने वाली घातक मिसाइलों से लैस हैं.
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राफेल के अलावा पठानकोट में अभी चिनूक, मिग-21, मिग-29, एमआई-35 हेलीकॉप्टर और फाइटर जेट्स तैनात हैं जो पलक झपकते पाकिस्तान को नेस्तनाबूद कर सकते हैं. बॉर्डर के नजदीक होने की वजह से उत्तर भारत में वायुसेना की हर जरूरत को इसी एयरफोर्स स्टेशन से पूरा किया जाता है.
1971 में पठानकोट पर 53 बार हमला
पठानकोट की ताकत को अब इस तरह से समझ सकते हैं कि 1971 की जंग में पाकिस्तान ने 53 बार यहां हमला किया था. 3 दिसंबर 1971 को शाम 5 बजकर 40 मिनट पर पाकिस्तान के 6 लड़ाकू विमानों ने पठानकोट एयरबेस पर बम बरसाए थे. पाकिस्तान का प्लान था कि अगर वो पठानकोट एयरबेस को तबाह कर देगा तो फिर भारत जंग में कमजोर पड़ जाएगा.
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1965 युद्ध में भी पाक ने इस एयरबेस को निशाना बनाया था. पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन हमेशा पाक की जासूसी की जद में रहा है. बाजवा की नजर हर पल पठानकोट पर रहती है वो यहां होने वाले अफसरों की तैनाती से लेकर यहां की तैयारियों की जासूसी करता है लेकिन 2016 के बाद भारत ने पठानकोट की सुरक्षा अभेद्य बना दी है लिहाजा अब पाकिस्तान ज़मीन के अंदर से सुरंग वाली साजिश रच रहा है.
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