नई दिल्ली: लखनऊ हिंसा को लेकर परत दर परत रोज नए-नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. सूत्रों की मानें तो 19 दिसंबर को लखनऊ में उपद्रवियों ने जो हिंसा का नंगा नाच किया. उसके तार अब कश्मीर से जुड़ने लगे हैं. बताया जा रहा है कि लखनऊ में हिंसा फैलाने के लिए कश्मीर से पत्थरबाजों को बुलाया गया था. और लखनऊ के अलग-अलग हॉस्टलों में इन लोगों को ठहराया गया था.


VVIP और पॉश इलाकों में हिंसा फैलाने की साजिश


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बताया जा रहा है कि हिंसा फैलाने से पहले यूपी के कई जिलों में रेकी की गई थी. और लखनऊ के सबसे वीवीआईपी और पॉश इलाके हजरतगंज में इन दंगाइयों की हिंसा फैलाने की साजिश थी.


ये खुलासा लखनऊ हिंसा में पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI के तीनों मास्टरमाइंड वसीम, नदीम और अशफाक से आईबी की पूछताछ में हुआ है. पुलिस सभी एंगल से इन तीनों से पूछताछ कर रही है. जिससे दंगे का हर सच सामने आ सके.


पुलिस की सख्ती के बाद अंडरग्राउंड हुए PFI उपद्रवी


इन तीनों से पूछताछ में पुलिस को पीएफआई के दूसरे सदस्यों का भी पता चला है. जिन्हें पकड़ने के लिए लखनऊ पुलिस कई जगह दबिश दे रही है. लेकिन अब तक कोई भी पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है. पुलिस की सख्ती के बाद पीएफआई से जुड़े कई लोग अंडरग्राउंड हो गए हैं. आशंका है कि ये सभी दिल्ली और पश्चिम बंगाल भाग गए हैं.


आपको बता दें, लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन के मास्टरमाइंड नदीम और उसके सहयोगी अशफाक को गिरफ्तार किया था. जबकि एक और साथी वसीम को पहले ही लखनऊ पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. नदीम और अशफाक ने पूरी प्लानिंग करके साजिश रची थी. और दोनों ने व्हाट्सएप के जरिए से एनआरसी और सीएए के विरोध में लोगों को बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर उग्र प्रदर्शन करने की बात वायरल की थी.


पत्थरबाजी का कश्मीरी एंगल


वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के रहने वाले लड़कों के इस हिंसा में शामिल होने के बाद से पुलिस अब कॉल डिटेल और सीडीआर की मदद से उनके कई दूसरे साथियों का पता लगा रही है. इसके साथ ही शक के आधार पर पुलिस पत्थरबाजी में कश्मीरी एंगल को भी खंगाल रही है.


नागरिकता संशोधन कानून को लेकर यूपी में हुई हिंसा के बाद प्रशासन अब पूरे एक्शन में है. लखनऊ में जो हिंसा फैलाई गई और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. उसको लेकर अब आरोपियों से वसूली की तैयारी शुरु हो गई है. लखनऊ, रामपुर, गोरखपुर, और मेरठ समेत कई जिलों में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में शामिल पाए गए 300 से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किए हैं.


आरोपी इम्तियाज को नोटिस भेजने की तैयारी


वहीं पुलिस हिंसा फैलाने के आरोप में एक और आरोपी इम्तियाज को नोटिस भेजने की तैयारी कर चुकी है. लेकिन परिजनों का आरोप है कि इम्तियाज निर्दोष है. वो अपनी बहन को ढूंढने गया था और तभी पुलिस ने उसे धर दबोचा.


अलीगढ़ में धारा 144 का उलंघन करने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 1200 छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इन छात्रों के खिलाफ कैंडललाइट मार्च निकालने के लिये यूपी पुलिस ने मामला दर्ज किया है. यह छात्र नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 23 दिसंबर को मार्च कर रहे थे.


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उधर, हिंसा के दौरान हुई मौतों को लेकर यूपी पुलिस को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तरफ से नोटिस भेजा गया है. NHRC ने चार हफ्तों के अंदर डीजीपी ओपी सिंह से जवाब मांगा है. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है.


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