नई दिल्लीः पूरी दुनिया जहां आज वैलेंटाइन डे मना रही है वहीं बिहार के सीमांचल जिले में एक 90 वर्षीय व्यक्ति का अपनी पत्नी की मृत्यु के 32 साल बाद भी उसके प्रति अटूट प्रेम लोगों के दिल जीत रहा है. यह शख्स अपनी पत्नी के अस्थि कलश के साथ जिंदगी गुजार रहे हैं. 


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पत्नी के अस्थि कलश के साथ गुजार रहे जिंदगी
32 साल से अपनी पत्नी के अस्थि कलश के साथ रह रहे भोला नाथ आलोक ने अपने परिवार के सदस्यों से अनुरोध किया है कि जब उनकी मृत्यु हो जाए तो उनके पार्थिव शरीर के साथ उनके अस्थि कलश का अंतिम संस्कार कर दें.


फिलहाल उन्होंने पूर्णिया के सिपाही टोला इलाके में अपने घर परिसर के अंदर एक आम के पेड़ के कलश को लटका दिया है.


भोलानाथ आलोक पर लिखी गई है किताब
भोलानाथ आलोक पर किताब लिखने वाले पूर्णिया के साहित्यकार राम नरेश भक्त ने कहा कि वह सच्चे प्यार के प्रतीक हैं, जो आजकल कम ही देखने को मिलते हैं.


'हर रोज चढ़ाते हैं गुलाब, करत हैं प्रार्थना'
'आलोक की पत्नी पद्मा रानी का 32 साल पहले निधन हो गया था. उन्होंने उनके कलश को संरक्षित किया और उनके सम्मान में एक आम के पेड़ से लटका दिया. वह उन्हें याद करने के लिए हर दिन गुलाब चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं.'


'पत्नी से बेहद प्यार करते थे भोलानाथ'
'वह अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते थे, जब वह जीवित थी और उसकी मृत्यु के बाद भी उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहते थे. 32 साल एक लंबा समय है, लेकिन वह उसे हर रोज याद करते हैं, उनका सम्मान करते हैं और अपना सच्चा प्यार दिखाते हुए उनकी प्रार्थना और फूल चढ़ाते हैं.'


अस्थि कलश सीने से रखने की इच्छा
भक्त ने कहा, 'उन्होंने मृत्यु के बाद दाह संस्कार के दौरान उनकी अस्थि कलश को अपने सीने पर रखने की इच्छा भी व्यक्त की है. पति-पत्नी के लिए ऐसा सम्मान इन दिनों कम ही देखा जाता है. मुझे पिछले कई वर्षों में ऐसा कोई उदाहरण याद नहीं है.'


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