Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द कर दिया. शीर्ष अदालत के आदेश के बाद, बिलकिस बानो ने एक बयान में कहा, 'फैसले से ऐसा लगा जैसे पहाड़ के आकार का पत्थर उनके सीने से हटा दिया गया हो और वह फिर से सांस ले पा रही हैं.


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उन्होंने कहा कि न्याय ऐसा ही महसूस होता है. बानो ने अपने वकील द्वारा जारी एक बयान में कहा, 'आज सचमुच मेरे लिए नया साल है. मेरे आज के आंसू राहत से भरे थे. मैं डेढ़ साल से अधिक समय में पहली बार मुस्कुराई हूं. मैंने अपने बच्चों को गले लगाया. ऐसा महसूस होता है जैसे पहाड़ के आकार का पत्थर मेरे सीने से उठ गया है और मैं फिर से सांस ले सकती हूं. न्याय ऐसा ही होता है. मैं भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने ये उम्मीद जगाई कि कानून सभी के लिए एक बराबर है.


जब दोषियों को किया गया रिहा...
2022 में 11 दोषियों को रिहा किए जाने पर उन्हें कैसा महसूस हुआ, इस बारे में बात करते हुए बानो ने कहा, 'डेढ़ साल पहले, 15 अगस्त, 2022 को, जब जिन लोगों ने मेरे परिवार को नष्ट कर दिया था और मेरे अस्तित्व को आतंकित किया था, उन्हें समय से पहले रिहा कर दिया गया था, तो उस वक्त मैं टूट गई थी.'


उन्होंने कहा, 'मुझे लगा कि मेरा साहस तब खत्म हो गया है. फिर लाखों लोगों ने मेरे साथ एकजुटताएं दिखाई. भारत के हजारों आम लोग और महिलाएं आगे आईं.'


पूरी कानूनी लड़ाई के दौरान अपने सपोर्ट सिस्टम के बारे में बात करते हुए, बानो ने कहा कि उनकी जैसी यात्राएं अकेले नहीं की जा सकतीं, उन्होंने कहा कि हर मोड़ पर उनके पति और बच्चे उनके साथ थे.


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