नई दिल्ली. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने आधिकारिक रूप से पुष्टि कर दी है कि वो बीजेपी का दामन थामने जा रहे हैं. 30 अगस्त को वो बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे. चंपई सोरेन के बीजेपी ज्वाइन करने को लेकर बीजेपी नेता गौरव वल्लभ ने कहा कि आदिवासी हितों की बात करने वाले लोगों के लिए आदिवासी का मतलब स्वयं का परिवार है, इनके लिए दूसरे लोग आदिवासी नहीं है.


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क्या बोले गौरव वल्लभ
वल्लभ ने कहा-आज झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं के ल‍िए आदिवासी सिर्फ हेमंत सोरेन का परिवार है. हेमंत सोरेन केवल आदिवासी-आदिवासी कहकर उसका फायदा लेते हैं, पर आदिवासियों के लिए आगे बढ़कर उनको सत्ता नहीं सौपेंगे. सत्ता सिर्फ अपने परिवार के पास रखेंगे. आदिवासी समाज के सामने जेएमएम का मुखौटा उतर गया है. आदिवासियों को आगे बढ़ाना हेमंत सोरेन का एजेंडा नहीं है. परिवार के अलावा किसी और आदिवासी को ये लोग सत्ता में भागीदार नहीं बनाना चाहते हैं.


बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झटका देकर उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व CM चंपई सोरेन को बीजेपी के साथ जोड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले असम के मुख्यमंत्री और झारखंड प्रदेश के चुनाव सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने उनके बीजेपी में शामिल होने की घोषणा की थी.


कांग्रेस ने कहा- चंगुल में फंसे चंपई
बीजेपी से इतर जेएमएम के सहयोगी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि 'चंपई सोरेन भाजपा के चंगुल में फंस गए हैं. उन्होंने कहा-चंपई सोरेन बुरी तरह भाजपा के चंगुल में फंस गए हैं. उनके साथ हमारी पूरी सहानुभूति है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनको बहुत सम्मान दिया. उन्होंने अपनी पत्नी, भाई या परिवार के किसी अन्य सदस्य के बजाय चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी.


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