नई दिल्ली: पहले 100 राइट-अप्स. समीर कुमार की यह किताब युवाओं के लिए खास है. युवाओं के लिए पुस्तकें टेस्ट मैच की तरह बोरिंग हैं, उन्हें तो 20-20 मैच देखना है. इसी को ध्यान में रखते हुए लेखक ने कुछ ऐसे सेक्टर्स पर बात रखी है, जिस पर या तो रुचिकर या दूरदर्शी नजरों से किसी ने लिखा नहीं या लिखा तो अनुभव के अभाव में उन्हें कोई पढ़ना नहीं चाहता. 


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इन विषयों पर लिखा
कृषि के क्षेत्र में नये खोज, भारत के हेल्थकेयर सिस्टम का दुनिया में डंका, ड्रोन टेक्नोलॉजी, औद्योगिक क्रांति, स्मार्ट सिटी, फ्यूल एडवांसमेंट, ग्रामीण विकास सहित रूस-यूक्रेन मामलों पर नजर बनाए रखते हुए अन्य विदेशी मामले, जिनसे भारत का सीधा सारोकार है. 


किन लोगों को पढ़नी चाहिए
आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हों या पत्रकार हों या फिर किसी स्टार्टअप से जुड़े हों या फिर आंत्रप्रेन्योरशिप का सपना बुन रहे हों, विचारों की शीथिलता आज बड़ी चुनौती बन चुकी है. इस पुस्तक में आत्मनिर्भर भारत की बात हो या शिक्षा नीति या सरकार के द्वारा देश को एक नई दिशा देने की बात हो, लेखक के विचार हर उस बिन्दु पर एक नया सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक दस्तावेज है. 


जिसे पढ़ने के बाद आप अपनी जरूरत के हिसाब से उसे कहीं भी फिट कर सकते हैं. और चाहे विज्ञान हो या व्यवसाय, संस्कृति हो या विकासपरक सोच, इन राइट-अप्स को पढ़ने के बाद युवाओं या पाठकों का विचार जाग्रत होगा, उनकी सोच काफी हद तक प्रभावित होगी, ये तय है.


ऐसा नहीं कि इन सेक्टर्स पर किसी ने नहीं लिखा अब तक, लिखा और खूब लिखा लेकिन उन लेखों में स्वजनित अनुभव की कमी दिखती है और समीर कुमार के लेखों में उनके निजी अनुभव हैं, जो उन्होंने लंदन, टोकियो, सिंगापुर सहित कई अन्य देशों में टॉप पॉजीशन पर काम के दौरान सीखे या महसूस किए. 


कौन हैं समीर कुमार
इस राइटअप को साकार करने की प्रखर सोच के पीछे बेहतरीन प्रोफाइल वाले समीर कुमार हैं, जो फिलहाल भारत सरकार की संस्था प्रसार भारती के डिजिटल विंग PBNS के हेड हैं. समीर कुमार ने पिछले 3 वर्षों में प्रसार भारती को आगे बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. खास बात यह है कि समीर कुमार ने मई 2019 में डिजिटल प्रसार भारती को PBNS के नाम से शुरू कर एक ब्रांड की तरह स्थापित किया है.


समीर कुमार ने 13-14 वर्षों तक लंदन, टोक्यो और सिंगापुर में ABN AMRO, Royal Bank of Scotland  और Deutsche Bank में उच्च पदों पर कार्य कर अनुभव हासिल किया है. समीर 2018 में मात्र 38 वर्ष की उम्र में एक रुपये के मासिक वेतन पर देशभक्ति की लालसा के साथ देश की प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसियों में से एक हिंदुस्थान समाचार के CEO के रूप में उसे मुकाम तक ले जाने का प्रयास पहले कर चुके हैं.

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