Wrestlers Protest: 'एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं फांसी लगा लूंगा', बृजभूषण सिंह का दावा

बृजभूषण सिंह ने कहा है कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित हुआ तो वह खुद को फांसी लगा लेंगे. एक वीडियो संदेश में सिंह ने कहा, 'मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं फांसी लगा लूंगा. मामला दिल्ली पुलिस के पास है, इसलिए मैं इस मामले पर ज्यादा विस्तार से बात नहीं कर पाऊंगा.'

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 7, 2023, 06:26 PM IST
  • महिला पहलवानों के आरोपों पर बोले डब्ल्यूएफआई चीफ
  • आरोप साबित हुए तो फांसी लगा लूंगा- बृजभूषण सिंह
Wrestlers Protest: 'एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं फांसी लगा लूंगा', बृजभूषण सिंह का दावा

नई दिल्ली: पहलवानों के पक्ष में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए लगातार कई लोग पहुंच रहे हैं. महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण सिंह ने कहा है कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित हुआ तो वह खुद को फांसी लगा लेंगे.

'एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं फांसी लगा लूंगा'
रविवार को जारी एक वीडियो संदेश में सिंह ने कहा, 'मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं फांसी लगा लूंगा. मामला दिल्ली पुलिस के पास है, इसलिए मैं इस मामले पर ज्यादा विस्तार से बात नहीं कर पाऊंगा. यह मैं पहले दिन से कह रहा हूं अगर इन पहलवानों के पास मेरे खिलाफ कोई वीडियो सबूत है तो दिखाए. आप किसी से भी पूछ लीजिए जो कुश्ती से जुड़ा है, क्या बृजभूषण रावण है?'

बृज भूषण ने कहा कि वह दिल्ली से गोंडा स्थित अपने घर जाते समय रास्ते में वीडियो संदेश रिकॉर्ड कर रहे थे. उन्होंने आगे कहा, 'इन पहलवानों (जो विरोध कर रहे हैं) को छोड़कर किसी से भी पूछिए कि क्या मैंने कुछ गलत किया है. मैंने अपने जीवन के 11 साल कुश्ती को, इस देश को दिए हैं.'

डब्ल्यूएफआई प्रमुख से पद छीनने की मांग
पहलवानों का आरोप है कि बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी की रिपोर्ट जारी करने में सरकार की ओर से देरी की गई है. विरोध करने वाले पहलवान भी चाहते हैं कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख से उनका पद छीन लिया जाए.

कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई है. पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है और पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, साथ ही आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के साथ-साथ शील भंग आदि से संबंधित है.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर एक तत्काल याचिका पर सुनवाई करते हुए निष्कर्ष निकाला कि प्राथमिकी दर्ज करने से विरोध करने वाले पहलवानों द्वारा दायर याचिका का उद्देश्य पूरा हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की निगरानी में जांच की याचिकाकर्ता की याचिका भी खारिज कर दी.
(इनपुट- आईएएनएस)

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