नई दिल्ली. खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित किए जाने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने चुप्पी तोड़ी है. यौन प्रताड़ना के आरोप झेल रहे कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण ने कहा है कि अब वो इस खेल की राजनीति से दूर रहेंगे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा संग बैठक के बाद बृजभूषण ने कहा कि कुश्ती संघ का चुनाव लोकतांत्रितक तरीके से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कराया गया था. उन्होंने कहा कि सभी मेंबर चुने जा चुके हैं. अब उन्हें सरकार से बात करनी है या कानूनी सलाह लेनी है. अब इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है. 


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अगले आदेश तक निलंबित है संघ
बता दें कि रविवार को खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है. कारण बताया गया कि नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रकिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी.



बजरंग ने लौटाया पद्मश्री
दरअसल बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया ने विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के साथ पूर्व अध्यक्ष के विश्वासपात्र संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को लौटा दिया था. ठीक एक दिन पहले साक्षी मलिक ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भावुक होकर कश्ती करियर को अलविदा भी कह दिया था.


संजय सिंह पैनल ने दर्ज की बड़ी जीत
संघ के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे जिसमें पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की. खेल मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक-नए निकाय ने संघ संविधान का पालन नहीं किया. संघ अगले आदेश तक निलंबित रहेगा.


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