नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद बहुजन समाज पार्टी ने बड़ी जानकारी साझा करते हुए बीते एक साल में मिले पार्टी फंड का लेखा-जोखा साझा किया है. मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने निर्वाचन आयोग को सूचित किया है कि उसे व्यक्तिगत दानदाताओं और संस्थाओं से वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 20 हजार रुपये से ज्यादा की राशि का चंदा नहीं प्राप्त हुआ है.


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चंदा रिपोर्ट में पार्टी ने क्या कहा?


जून में जमा कराई गई अपनी वार्षिक चंदा रिपोर्ट में पार्टी ने कहा कि उसे वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 20 हजार रुपये से ज्यादा की राशि का कोई योगदान नहीं मिला. निर्वाचन आयोग ने यह रिपोर्ट बुधवार को सार्वजनिक की.


जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29 सी के मुताबिक किसी राजनीतिक दल के कोषाध्यक्ष या उसके द्वारा अधिकृत कोई अन्य व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में किसी भी व्यक्ति या अन्य संस्थाओं से पार्टी को प्राप्त 20,000 रुपये से अधिक के चंदे के बारे में एक रिपोर्ट तैयार करेगा.


बसपा ने किया फंडिंग से जुड़ा ये दावा


बसपा का बयान उसके कथित दावे के अनुरूप है कि उसे केवल कम कमाई वाले लोगों से ही धन मिलता है. मायावती के नेतृत्व वाली पार्टी ने पिछले कई सालों से यह रुख बनाए रखा है.


निर्वाचन आयोग 20,000 रुपये की सीमा को खत्म करने पर जोर दे रहा था ताकि पार्टियों के लिए उन्हें मिले सभी स्वैच्छिक दान को उसके संज्ञान में लाना अनिवार्य हो, चाहे चंदे की रकम कुछ भी हो.


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