शहीद अंशुमान सिंह के पिता ने बताया, मुआवजे और पेंशन में से उनको और स्मृति को क्या-क्या मिला?

Anshuman Singh Wife: हाल ही में कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था. इस दौरान उनकी और उनकी पत्नी स्मृति की लव स्टोरी सामने आई थी लेकिन अब शहीद के पिता ने दावा किया है कि स्मृति उनका परिवार छोड़कर जा चुकी हैं. उन्होंने कहा, 'मेरे पास न बेटा बचा, न बहू बची और न इज्जत बची.'

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 12, 2024, 08:38 AM IST
  • 'हमें छोड़कर चली गई हैं अंशुमान की पत्नी'
  • मुआवजे को लेकर क्या बोले शहीद के पिता
शहीद अंशुमान सिंह के पिता ने बताया, मुआवजे और पेंशन में से उनको और स्मृति को क्या-क्या मिला?

नई दिल्लीः Anshuman Singh Wife: पिछले दिनों शहीद अंशुमान सिंह फिर से सुर्खियों में आए, जब उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था. शांतिकाल के दूसरे सबसे बड़ पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए उनकी पत्नी स्मृति और मां मंजू सिंह पहुंची थीं. सियाचिन में अपने साथियों की जान बचाने के प्रयास में वीरगति को प्राप्त हुए अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सम्मान लेते हुए काफी भावुक नजर आई थीं. 

'हमें छोड़कर चली गई हैं अंशुमान की पत्नी'

उन्होंने अपनी और कैप्टन अंशुमान की लव स्टोरी भी बताई थी लेकिन अब मामले में नया मोड़ आया है. दरअसल शहीद के पिता रवि प्रताप सिंह ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा, अंशुमान सिंह की पत्नी उनका परिवार छोड़कर चली गई हैं. उन्हें नहीं पता कि वह परिवार छोड़कर क्यों गई हैं. स्मृति ने भारत मंडपम में जो इंटरव्यू दिया था वो भी मुझे लगता है सच्चाई से परे था. उन्होंने कहा था कि हमारी अंशुमान से लंबी बातचीत हुई थी जबकि वह रात साढ़े 9 बजे से 12 बजे तक अपने दोस्तों का आईटीआर भरवाने के लिए हमारे साथ लगी रहीं. मेरी बेटी और वे स्मृति एक ही साथ थीं.

रवि प्रताप सिंह ने कहा, 18 तारीख को मेरी अंशुमान से 1-2 मिनट बात हुई थी और 19 को ये घटना हुई थी. मैंने 1 फरवरी को पूजन कराया था लेकिन वो नहीं आईं. वो संभलने के लिए समय मांगती रहीं लेकिन एक साल हो गया है. उन्होंने कहा कि वह इस घर से जाने के 10 दिन बाद से एक स्कूल में पढ़ाने लगीं.

उन्होंने कहा कि बहू हमारे साथ 5 महीने ही रही. जब भी बात होती थी तो उनके माता-पिता बात करते थे. वहीं अंशुमान सिंह की मां ने कहा कि उनकी बहू नोएडा के घर से अपना सामान लेकर चली गई. शहीद के पिता ने कहा, मेरे पास न बेटा बचा, न बहू बची और न इज्जत बची. 

मुआवजे को लेकर क्या बोले शहीद के पिता

उन्होंने दावा किया, सरकारी मुआवजे का बड़ा हिस्सा स्मृति को मिला. आर्मी में एक प्रक्रिया है. इसके तहत निकटतम परिजन को जो मिलना है वो सब स्मृति को मिला. यूपी सरकार के पैसों में से 35 लाख उनको मिले और 15 लाख हमें मिले. आर्मी इंश्योरेंस का पैसा आधा-आधा हुआ. बाकी पुरस्कार राशि उनको मिलेगी. पेंशन और कीर्ति चक्र की पेंशन भी उनको मिलेगी. हमें नहीं पता स्मृति को कहां से कितना पैसा मिला. उन्होंने हमें परिवार का हिस्सा नहीं समझा. 

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