नागरिकता कानून पर हो रही हिंसा पर सीएम योगी सख्त
नागरिकता कानून को देश की संसद से मंजूरी मिल चुकी है. महामहिम राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ये अब देश का कानून बन चुका है. कुछ राजनीतिक दल अपने घटते वोट बैंक और सरकार से संसद में मिली पराजय की खीज उतारने के लिये लोगों में भ्रम भरकर देश में हिंसक वातावरण बना रहे हैं. इन उपद्रवियों पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ अब सख्त हो गये हैं.
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर उपद्रव कर रहे अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिये हैं. मऊ में NRC और CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने बड़ी कार्रवाई करते हुए आजमगढ़ के डीआइजी मनोज तिवारी को हटा दिया.
योगी ने प्रशासनिक अधिकारियों को दिये कड़े निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर प्रदेश के सभी एडीजी, कमिश्नर, आईजी, डीआईजी, डीएम और एस-एसएसपी से बातचीत कर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अफवाह फैलाने वाले तत्वों पर नजर रखने का निर्देश दिया. उन्होंने अफसरों से कहा कि कानून के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
विरोध प्रदर्शन या जुलूस को अनुमति न देने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर व मऊ में धरना-प्रदर्शन, जुलूस या किसी तरह के विरोध प्रदर्शन को अनुमति न देने के निर्देश इन जिलों के जिलाधिकारियों व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को दिए हैं. मऊ की घटना पर मुख्यमंत्री ने पुलिस-प्रशासन की कार्यवाही को लेकर भी नाराजगी जताई और ऐसी घटनाओं से सख्ती से निपटने के निर्देश दिये.
यूपी के कई जिलों में हुआ था हिंसक विरोध
आपको बता दें कि अलीगढ़ से शुरू हुए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आग सोमवार को कई जिलों में फैल गई। मऊ में भीड़ ने थाने में घुसकर आगजनी व तोड़फोड़ की थी. बवालियों ने दो बसों पर पथराव कर शीशे तोड़ दिए. पुलिस व मीडियाकर्मियों की गाडिय़ों में आग लगा दी. हालात पर काबू पाने के लिए धारा 144 के साथ ही पूरे जिले में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई. देवबंद में भी दारुल उलूम कैंपस के छात्रों ने नारेबाजी की. एहतियातन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भी छुट्टी कर दी गई.
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