नई दिल्ली: मोदी सरनेम वाले लोगों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी से जुड़े मानहानि केस में शुक्रवार को रांची की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने राहुल गांधी को शुक्रवार को हाजिर होने का नोटिस जारी किया था, लेकिन उनके अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने अदालत से सुनवाई के लिए पंद्रह दिनों का वक्त मांगा.


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राहुल गांधी ने अदालत से मांगा 15 दिनों का वक्त
उन्होंने अदालत को बताया कि राहुल गांधी के सशरीर हाजिर होने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है. इसके पहले बीते 23 मई को हुई सुनवाई के दौरान भी राहुल गांधी के अधिवक्ता के आग्रह पर अदालत ने तीन हफ्ते का वक्त दिया था. बता दें कि विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी द्वारा दाखिल व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की अर्जी को पहली ही खारिज कर दिया है.


यह केस रांची के रहने वाले प्रदीप मोदी ने दाखिल किया था. इसमें कहा गया है कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी रांची में चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे, तब उन्होंने मोदी सरनेम वाले लोगों पर टिप्पणी की थी. प्रदीप मोदी का कहना है कि इससे उनके अलावा पूरे समाज की भावनाएं आहत हुई हैं. यह मानहानि का मामला है.


राहुल गांधी क्यों ठहराए गए थे अयोग्य?
राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद गुजरात के सूरत कोर्ट में मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के 24 घंटे के भीतर लोकसभा सचिवालय ने पार्टी के नेता व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सदन की सदस्यता से अयोग्य करार देने की घोषणा की. उनकी अयोग्यता की घोषणा करते हुए लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी की.


अधिसूचना में कहा गया था कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सदस्य (राहुल गांधी) अपनी दोषसिद्धि अर्थात 23 मार्च, 2023 से सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाते हैं.


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