अयोध्याः बस कुछ मिनट की लंबी प्रतीक्षा और इसके बाद आज की तारीख यानी 5 अगस्त इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगी. जन-जन के आराध्य श्री राम अपने मंदिर में विराजेंगे और इसके लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम किया जाएगा.


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भूमि पूजन इतना विशेष होगा कि इसे भी उसी तरह याद रखा जाएगा जैसे की सदियों से चले आ रहे इस संघर्ष को याद रखा गया.  क्या-क्या होगा खास, डालते हैं इस विस्तृत जानकारी पर पूरी नजर


175 अतिथियों को भूमि पूजन का निमंत्रण
सबसे अधिक उत्सुकता बनी हुई है कि इस आयोजन में किसे-किसे निमंत्रण भेजा गया है. जानकारी के मुताबिक, पूजन में पीएम मोदी के साथ 175 अतिथि शामिल होंगे. इनमें से 135 साधु संतों को बुलाया गया है. नेपाल के भी साधु इसमें शामिल हैं.



कुछ कारसेवकों के परिवार के सदस्य, कोठारी बंधु की बहन पूर्णिमा कोठारी व इक़बाल अंसारी को भी कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा गया है.


प्रतीकात्मक होगा शिलान्यास, कर्मकांड के लिए नहीं
पीएम मोदी भूमि पूजन कार्यक्रम में मंदिर निर्माण का शिलान्यास भी करेंगें. इनमें 9 शिलाएं है. इन शिलाओं की पूजा की जाएगी और इनके पत्थर भूमि पूजन में रखे जाएंगे. जानकारी के मुताबिक, 9 शिलाओं में एक को गर्भगृह में रखा जाएगा बाकि 8 अन्य स्थानों पर रखी जाएंगी.



1989-90 में हुए मंदिर आंदोलन से इन शिलाओं का इतिहास जुडा़ हुआ है. इसके अलावा 70 एकड़ ज़मीन पर राम मंदिर परिसर व मंदिर का नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण से ट्रस्ट पास कराएगा. इसकी फीस 2 करोड़ रुपये है. 


अशोक सिंहल के परिवार से होंगे यजमान
भूमि पूजन के दौरान दौरान अशोक सिंघल के योगदान भी याद किए जाएंगे. इसके निमित्त ही अशोक सिंहल परिवार से महेश भागचन्दका व पवन सिंहल मुख्य यजमान होंगे. दरअसल मुख्य यजमान ही पूजन की सभी विधियों को आचार्यों के निर्देश पर पूरा करते हैं.



हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और जोशी राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. अधिक उम्र के कारण उन्हें निमंत्रित नहीं किया गया है. इसके साथ ही कल्याण सिंह भी नहीं शामिल होंगे. उमा भारती भी अयोध्या सरयू तट पर मौजूद रहेंगी. 


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