नई दिल्ली: Andhra Pradesh Politics: आंध्र प्रदेश की राजनीति में बेहद जल्द 'भाई Vs बहन' देखने को मिल सकता है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन YS शर्मिला ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया है. अब चर्चा तेज है कि पार्टी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है. शर्मिला कह चुकी हैं कि मेरे पिता का सपना था कि राहुल गाँधी प्रधानमंत्री बनें, मैं अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए कांग्रेस के साथ आई हूं. 


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क्या मिलने वाला है प्रदेश अध्यक्ष का पद?
आंध्र प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष रूद्र राजू ने 15 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. माना जा रहा है कि आलाकमान ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए इशारा किया था. उन्होंने हाईकमान के आदेश की पालना करते हुए इस्तीफा दे दिया. अब प्रदेश अध्यक्ष का पद शर्मिला के पास आ सकता है. अपने भाई की पार्टी को खड़ा करने और चुनाव जितवाने में शर्मिला की अहम भूमिका मानी जाती है. 


लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव
कांग्रेस जल्द ही प्रदेश का नया अध्यक्ष घोषित कर सकती है. आंध्र में लोकसभा चुनाव के बाद इसी साल विधानसभा चुनाव भी हैं. आंध्र प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 11 जून 2024 को समाप्त होगा. इसके बाद कभी भी चुनाव कराए जा सकते हैं. वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (YSRTP) का कांग्रेस में विलय हो जाना बड़ा राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. 


तेलंगाना में दे दिया था कांग्रेस को समर्थन
YS शर्मिला ने तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी से प्रत्याशी न उतारकर कांग्रेस को समर्थन दे दिया था. उन्होंने साफ़ तौर पर कहा था कि तेलंगाना में इसलिए चुनाव नहीं लड़ा, क्योंकि इससे वोटों का बंटवारा होता. इस चुनाव में 119 में से कांग्रेस ने 64 सीटें जीतीं और प्रदेश में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. 


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