नई दिल्ली: देश में बीते वित्त वर्ष 2020-21 में सोने का आयात 22.58 प्रतिशत बढ़कर 34.6 अरब डॉलर या 2.54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. सोने का आयात चालू खाते के घाटे (कैड) को प्रभावित करता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू मांग बढ़ने से सोने का आयात बढ़ा है.


आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष के दौरान चांदी का आयात 71 प्रतिशत घटकर 79.1 करोड़ डॉलर रह गया. इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में सोने का आयात 28.23 अरब डॉलर रहा था.


शादियों के सीजन में बढ़ी मांग


सोने के आयात में बढ़ोतरी के बावजूद बीते वित्त वर्ष में देश का व्यापार घाटा कम होकर 98.56 अरब डॉलर रह गया. 2019-20 में यह 161.3 अरब डॉलर रहा था.


रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि घरेलू मांग बढ़ने से सोने का आयात बढ़ रहा है.



शाह ने कहा कि अक्षय तृतीया तथा शादी-ब्याज के सीजन की वजह से सोने का आयात और बढ़ सकता है. इससे चालू खाते का घाटा भी बढ़ेगा.


देश में विदेशी मुद्रा के आने और यहां से बाहर जाने का अंतर कैड कहलाता है.


यह भी पढ़िए: Corona ने दिल्ली को किया बदहाल, केजरीवाल ने बताया- ICU में बचे हैं 100 से भी कम बेड


भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश


भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोने का आयातक है. मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए सोने का आयात किया जाता है.


बीते वित्त वर्ष में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 27.5 प्रतिशत घटकर 26 अरब डॉलर रह गया. मात्रा के हिसाब से भारत हर साल 800 से 900 टन सोने का आयात करता है.


सरकार ने बजट में सोने पर आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है.


यह भी पढ़िए: Lockdown in Delhi: कैट की मांग, 'दिल्ली में 15 दिनों का लॉकडाउन लगे'


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.